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मोदी सरकार की कांगड़ा को 558 करोड़ की दो बड़ी सिंचाई परियोजनाओं की सौगात

ज्वाली, शाहपुर, ज्वालामुखी तथा देहरा के लगभग 160 गांव होंगे लाभान्वित
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शिमला, 8 जुलाई(हप्र)

केंद्र की मोदी सरकार ने कांगड़ा जिला के लिए दो महत्वपूर्ण मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं के माध्यम से जिला कांगड़ा के लगभग 160 गांवों को सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी जिससे हजारों किसान लाभान्वित होंगे तथा कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांगड़ा जिला के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित ‘सूखाहार मध्यम सिंचाई परियोजना’ को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। यह परियोजना लगभग 219 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी।

इस परियोजना के माध्यम से ज्वाली और शाहपुर विधानसभा क्षेत्रों के 45 गांवों की 2,186 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे लगभग 24,120 ग्रामीणों को सीधा लाभ होगा। यह क्षेत्र अब तक वर्षा पर आधारित पारंपरिक कृषि प्रणाली पर निर्भर था, जहां सिंचाई के अभाव में किसान अनेक कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। परियोजना के कार्यान्वयन से अब खरीफ और रबी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि तथा कृषक आय में बढ़ोतरी होगी।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ज्वालामुखी और देहरा विधानसभा क्षेत्रों के लिए 339 करोड़ रुपये की एक अन्य मध्यम सिंचाई परियोजना को भी तकनीकी मंजूरी प्रदान की गई है। इस परियोजना से 116 गांवों के हजारों किसानों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। यह क्षेत्र भी लंबे समय से सिंचाई अवसंरचना की कमी से प्रभावित था।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये दोनों परियोजनाएं न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा देंगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेंगी। निर्माण कार्यों के दौरान स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी और युवाओं को प्रशिक्षित कर तकनीकी कार्यों में भी शामिल किया जाएगा। इन परियोजनाओं से भू-जल संरक्षण, फसल विविधता को बढ़ावा और जल उपयोग दक्षता में सुधार जैसे बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भी लड़ने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति की प्रक्रिया को जल्द पूर्ण किया जाएगा, ताकि निर्माण कार्य को समयबद्ध शुरू किया जा सके। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में देरी न हो और परियोजना के सभी प्रशासनिक व तकनीकी पहलुओं को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित किया जाए।

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