चंडीगढ़, 20 मार्च (ट्रिन्यू)
दिल्ली से ‘फ्री-हैंड’ मिलने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान अब ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में पंजाब की सियासी पिच पर उतर गए हैं। मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से ‘नाराज़’ विधायकों ही नहीं उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों को कड़ा संदेश दे दिया है। शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक में 25 हजार सरकारी नौकरियां लगाने का फैसला लिया गया था। विधायकों को इससे जोड़ते हुए उन्होंने दो-टूक कहा है कि भर्तियों के लिए सिफारिश लेकर कोई विधायक या नेता उनके पास न आए।
मान ने कहा कि सरकार ने 25 दिन में 25 हजार भर्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य रखा है। सभी नौकरियां युवाओं की योग्यता, मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर दी जाएंगी। किसी को भी यह अधिकार नहीं दिया जाएगा कि वह दबाव बनाकर योग्य युवाओं का रास्ता रोके। सीएम ने कहा, विधायकों की कार्यशैली और लोगों के साथ उनके व्यवहार को जांचने के लिए हर छह माह में सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे आधार पर ही विधायकों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। रविवार को मोहाली में आम आदमी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विधायक अपने हलकों के मुख्य शहरों में कार्यालय खोलें। वहां बैठने का दिन और समय निश्चित करें। लोगों को बिना देरी के मिलें तथा उनकी सामूहिक व जायज समस्याओं का तुरंत हल निकालें। विधायकों को नसीहत दी है कि वे किसी के खिलाफ भी बदले की भावना से काम न करें। मान ने कहा, विधायक सभी हलका निवासियों का होता है। इसलिए बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य करवाने पर फोकस किया जाए। मान ने कुछ नेताओं के वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए कहा कि पंजाब में सत्ता परिवर्तन हुआ है, लेकिन हमें पुराने अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ रहकर ही सिस्टम को बदलना है। इसलिए किसी भी थाना प्रभारी, डॉक्टर व तहसीलदार को धमकाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आप सरकार में गलत काम करने वालों के साथ-साथ करवाने वालों पर भी कार्रवाई होगी। मान ने स्पष्ट कहा कि विधायक अपने इलाके में किसी भी थाना प्रभारी, एसएमओ या तहसीलदार को बदलवाने के लिए चंडीगढ़ न आएं।
पंजाब को चाहिए स्वतंत्र सीएम : जाखड़
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने रविवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली में अपनी आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की छाया से बाहर निकल रहे हैं और यह राज्य के लिए अच्छा है। जाखड़ ने कहा कि यह अच्छा है क्योंकि पंजाब को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जोकि ‘रिमोट द्वारा संचालित’ होने के बजाय स्वतंत्र हो। कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष जाखड़ ने ट्वीट कर कहा कि ऐसा लगता है कि भगवंत मान पहले ही अपनी पार्टी के दिल्ली आलाकमान के प्रभाव से बाहर आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में पार्टी के दो दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति इसका संकेत देती है। जाखड़ ने कहा, ‘यह अच्छा है क्योंकि पंजाब को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जोकि ‘रिमोट द्वारा संचालित’ होने के बजाय खुद मुख्तियार (स्वतंत्र) हो।’