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पंजाबी विवि में ‘उत्तर आधुनिक हिंदी साहित्य’ पर व्याख्यान

समराला, 29 नवंबर (निस) पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के हिंदी विभाग द्वारा ‘उत्तर आधुनिक और हिंदी साहित्य’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें कोच्चि विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एन. मोहन ने हिंदी साहित्य पर व्याख्यान दिया।...
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पंजाबी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शुक्रवार को प्रो. डॉ. एन मोहन व्याख्यान देते हुए।
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समराला, 29 नवंबर (निस)

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पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के हिंदी विभाग द्वारा ‘उत्तर आधुनिक और हिंदी साहित्य’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें कोच्चि विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एन. मोहन ने हिंदी साहित्य पर व्याख्यान दिया। मोहन ने विभाग में उपस्थित अध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी साहित्य में उत्तर आधुनिक काल एक विमर्श का समय रहा है, जिसमें समाज द्वारा हाशिए पर धकेले गए लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयासरत रहे। इस काल के लेखकों ने इन लोगों की व्यथाओं को अपने साहित्य में प्रकाशमान किया। उन्होंने हिंदी साहित्य की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्य काल का हिंदी साहित्य आस्थावादी से चलकर मार्क्सवाद, अस्तित्ववाद, तर्क विज्ञान और नब्बे के दशक को पार करते हुए उत्तर आधुनिक काल तक पहुंचा जो विमर्शों का युग बन कर सामने आया। उन्होंने कहा कि इस काल में स्त्री, दलित, वृद्ध, आदिवासी और थर्ड जेंडर अपनी पहचान को बचाने के लिए संघर्षरत रहे हैं। वे अपने लिए जीना चाहते हैं। मोहन हिंदी विभाग में पीएचडी स्कॉलर हरजीत कौर का ‘वाईवा’ लेने के लिए आए थे। इससे पूर्व हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ. रवि कुमार ‘अनु’ ने प्रो डॉ. एन मोहन की साहित्य यात्रा का परिचय करवाया। इससे पूर्व हिंदी विभाग की वर्तमान अध्यक्ष डॉ. नीतू कौशल ने अतिथियों स्वागत किया और अंत में सभी का धन्यवाद भी किया। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों के अतिरिक्त अध्यापक डॉ. रजनी, डॉ. परविंदर कौर, डॉ. वरिंदरजीत कौर, डॉ. सोनिया और डॉ. परविंदर सिंह भी उपस्थित रहे।

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