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लैंड पूलिंग : पंजाब में अब एक कनाल जमीन के बदले भी प्लॉट और दुकान

मान सरकार ने नीति में किया बदलाव
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भगवंत सिंह मान। -फाइल फोटो
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अपनी लैंड पूलिंग नीति के बढ़ते विरोध का सामना कर रही पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों को शांत करने के लिए इसमें संशोधन किया है। संशोधित नीति के तहत, एक एकड़ से कम जमीन वाले किसान भी आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों के लिए पात्र होंगे, बशर्ते वे स्वेच्छा से लैंड पूलिंग में भाग लें।

एक कनाल जमीन के बदले किसानों को 125 वर्ग गज का एक आवासीय प्लॉट और 25 वर्ग गज का बूथ मिलेगा। दो कनाल जमीन के लिए 250 वर्ग गज का आवासीय प्लॉट और 50 वर्ग गज की शॉप साइट मिलेगी। तीन कनाल जमीन के लिए दो आवासीय भूखंड (250 और 125 वर्ग गज) और 75 वर्ग गज का एक व्यावसायिक स्थल मिलेगा। इसी प्रकार, सात कनाल तक जमीन के योगदान पर आनुपातिक रूप से बड़े प्लॉट मिलेंगे।

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मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लैंड पूलिंग नीति में संशोधन का निर्णय लिया गया। किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ के बढ़े हुए मुआवजे को भी मंजूरी दी गई। यह भी निर्णय किया गया है कि जो किसान व्यावसायिक भूखंड नहीं लेना चाहते, उन्हें मानक आकार से तीन गुना बड़े आवासीय प्लॉट मिल सकते हैं।

अकाली-भाजपा या कांग्रेस सरकारों द्वारा लाई गई ऐसी पिछली नीतियों में, जमीन मालिकों को एक कनाल जमीन के बदले केवल 150 वर्ग गज का आवासीय प्लॉट दिया जाता था। तीन कनाल तक के अधिग्रहण पर व्यावसायिक जमीन देने का कोई प्रावधान नहीं था।

सीएम मान ने विपक्ष के आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि किसानों को आवंटित की जाने वाली व्यावसायिक भूमि उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, मैं ग्रामीणों को विस्थापित करने की नीति क्यों लाऊंगा? ऐसा कुछ नहीं होगा, क्योंकि जमीन का विकास छोटे-छोटे क्षेत्रों में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि भागीदारी स्वैच्छिक रहेगी और कोई जबरन अधिग्रहण नहीं होगा। उन्होंने कहा, विकास शुरू होने तक किसान अपनी जमीन पर खेती जारी रख सकते हैं और तब तक उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। आवंटित प्लॉटों के लिए आशय पत्र 21 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा, जिससे किसान भविष्य में जमीन पर ऋण ले सकेंगे।

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