गुरतेज सिंह प्यासा/निस
संगरूर, 15 जुलाई
पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश ने सरकारी प्रबंधों की पोल खोल दी है। बस स्टैंड रोड पर पानी भरने की समस्या पिछले 4 दशकों से जस की तस बनी हुई है। बारिश के दिनों में इस सड़क पर पानी भरने से स्थानीय निवासियों की सांस फूल जाती है। भारी बारिश से दुकानदारों को भारी नुकसान होता है। इस बारिश में लोगों के फ्रिज कागज़ की नावों की तरह तैरते नज़र आए। बारिश का पानी दुकानों और घरों में घुस जाता है, जिससे लाखों रुपए का नुकसान होता है। बस स्टैंड रोड तो नहर जैसी दिखती है। हालांकि मंत्री शहर के विकास के लिए बड़े पैमाने पर अनुदान भेज रहे हैं और लौंगोवाल नगर परिषद के अध्यक्ष बराड़ दंपति भी विकास कार्य करवाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
बस स्टैंड से नाले तक बनाई जा रही पानी निकासी नहर का लगभग 50 फीट हिस्सा आज हुई बारिश के कारण ध्वस्त हो गया है और कई अन्य जगहों पर दरारें भी पड़ गई हैं। बस स्टैंड के आसपास के दुकानदारों ने इकट्ठा होकर इस नहर के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। इस अवसर पर डॉ. देविंदर शर्मा, चन्नी बंसल, साहिल सिंगला और उग्र सैन ने कहा कि इस नाले के निर्माण का निरीक्षण करने के लिए आज तक कोई भी अधिकारी नहीं आया है, जिसके कारण ठेकेदार इस नाले का निर्माण नियमों के अनुसार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि नाले का निर्माण करते समय सड़क किनारे पर्याप्त मिट्टी नहीं डाली जा रही है और दूसरी तरफ नाला अवरुद्ध होने के कारण बस स्टैंड का पानी भी यहीं आकर गिरता है।
उन्होंने कहा कि इस स्थान पर पहले जो नाला बनाया गया था, वह इस नाले से कई गुना मजबूत था। दुकानदारों ने कहा कि अगर इसी तरह लापरवाही जारी रही तो इस सड़क पर स्थित दुकानों और अन्य इमारतों को भी नुकसान हो सकता है। इसलिए संबंधित विभाग को इस नाले के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री का निरीक्षण करना चाहिए। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा द्वारा लोगों की मांग पर बाजार और बस स्टैंड से पानी की निकासी के लिए ये नाले बनवाए गए हैं,
लेकिन बरसात का मौसम होने के बावजूद अभी तक इन्हें चालू नहीं किया गया है।
लापरवाही के ज़िम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा : बराड़
जब इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष परमिंदर कौर बराड़ से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि नाले का काम पूरी तरह से नियमों के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नाले की दीवार किनारों से मिट्टी के कटाव के कारण गिरी है। बराड़ ने कहा कि फिर भी अगर कोई खामी पाई जाती है, तो उसे न केवल दूर किया जाएगा, बल्कि लापरवाही के लिए जो भी ज़िम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।