‘शिक्षा क्रांति’ के नाम पर दिखावा कर रही सरकार : टीचर्स फ्रंट
समराला, 20 अप्रैल (निस)
पंजाब सरकार द्वारा कथित ‘शिक्षा क्रांति’ के नाम पर केवल दिखावा और प्रचार करके पंजाब की जनता और शिक्षा जगत की आंखों में धूल झोंकने की नाकाम कोशिश की जा रही है, जबकि हकीकत यह है कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में गणित, विज्ञान और अन्य महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इतना ही नहीं, कई स्कूलों में वर्षों से स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति तक नहीं की गई है। ऐसे हालातों में कथित शिक्षा क्रांति कैसे सफल हो सकती है? यह विचार रविवार को यहां डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट जिला लुधियाना के सचिव रूपिंदर सिंह जंडियाली ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली हों और आवश्यक संसाधनों की कमी हो, तो शिक्षा क्रांति का कोई मतलब नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि जब शिक्षक अपने अधिकारों की मांग करते हैं, तो उन्हें डंडों से पीटा जाता है। डी.टी.एफ. ने इस सरकारी दमन की कड़ी निंदा की है और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मौके पर डीटीएफ जिला लुधियाना के प्रधान रमनजीत सिंह संधू और जनरल सचिव रूपिंदर पाल सिंह गिल ने भी विचार व्यक्त किये।