दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। जालंधर जिले में उनके पैतृक गांव ब्यास में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे हरविंदर सिंह ने मुखाग्नि दी। पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री भगवंत मान और मंत्री मोहिंदर भगत समेत कई नेताओं एवं हस्तियां समेत बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।‘टर्बन्ड टॉरनेडो' नाम से विख्यात 114 वर्षीय फौजा सिंह की 14 जुलाई को एक सड़क हादसे में मौत हो गयी थी। राज्यपाल कटारिया ने फौजा सिंह के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत थे। वह आत्मविश्वास से भरपूर थे और हमेशा सकारात्मक बातें करते थे। राज्यपाल ने याद किया कि पिछले साल नशा मुक्ति यात्रा के दौरान फौजा सिंह उनके साथ चले थे। कटारिया ने बताया कि एक किलोमीटर चलने के बाद, उन्होंने फौजा सिंह को रुकने के लिए कहा, लेकिन उन्हें हैरानी हुई कि फौजा सिंह ने जिद की कि वे पैदल चलें। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि फौजा सिंह सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे देश का गौरव थे। उन्होंने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि उम्र कभी भी लक्ष्य हासिल करने में बाधा नहीं बनती। मुख्यमंत्री ने गांव के स्कूल का नाम फौजा सिंह के नाम पर रखने और जालंधर के खेल महाविद्यालय में उनके सम्मान में प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।कांग्रेस विधायक परगट सिंह, राणा गुरजीत सिंह, हरदेव सिंह लाडी, सुखविंदर सिंह कोटली, आप के विधायक बलकार सिंह, आप नेता पवन कुमार टीनू और शिरोमणि अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा समेत कई राजनीतिक नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए।नहीं छोड़ते थे सैर :फौजा सिंह के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वह सैर करने को लेकर काफी सजग थे। जब वह कनाडा में अपने परिवार से मिलने जाते थे और बाहर बर्फ पड़ रही होती थी, तो घर के अंदर ही सैर करते थे। उन्हें पता होता था कि पैदल चलते हुए उन्होंने एक मील का सफर कितने कदमों में तय किया है।