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हिमाचल की पुरानी मुसीबत स्वां से बढ़ा पंजाब में बाढ़ का डर

पहाड़ी राज्य ने नदी को चैनलाइज किया, रोपड़ के लिए ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं
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पंजाब क्षेत्र में स्वां नदी पर बना क्षतिग्रस्त पुल।
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ललित मोहन/ ट्रिन्यू

रोपड़, 1 जून

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हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कहर बरपाने ​​वाली स्वां नदी अब पंजाब के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गयी है। हिमाचल सरकार ने अपने क्षेत्र में स्वां नदी को सफलतापूर्वक चैनलाइज कर दिया है। लेकिन पंजाब में आनंदपुर साहिब के पास सतलुज में नदी के मिलने से पहले, लगभग 40 किलोमीटर का हिस्सा अभी भी चैनलाइज नहीं है। इससे मानसून के दौरान विनाशकारी बाढ़ आने और रोपड़ जिले के नंगल एवं आनंदपुर साहिब में फसलें बर्बाद होने का खतरा रहता है।

पंजाब में स्वां के किनारे बसे भल्लां गांव के निवासी सतीश शर्मा ने दुख जताया कि हर साल बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, फिर भी पंजाब सरकार ने नदी को चैनलाइज करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। एक अन्य स्थानीय निवासी सुखदेव सिंह ने कहा कि नदी में अवैध खनन ने समस्या को और बढ़ा दिया है, जिससे पंजाब के क्षेत्र में बाढ़ आने की संभावना बढ़ गयी है। उन्होंने दावा किया कि अत्यधिक खनन के कारण कुछ क्षेत्रों में नदी का तल लगभग 20 फीट नीचे चला गया है, जिससे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। भल्लां को कलमा मोड़ से जोड़ने वाला क्षतिग्रस्त पुल इसका उदाहरण है। रोपड़ में जल निकासी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तुषार गोयल ने संपर्क करने पर कहा कि वर्तमान में पंजाब में स्वां को चैनलाइज करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

बरसात में एक लाख क्यूसेक तक आता है पानी

सूत्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की 1,000 करोड़ रुपये की परियोजना के जरिये ऊना जिले में स्वां और उसकी सहायक नदियों को चैनलाइज किया। इससे हजारों एकड़ कृषि भूमि मानसून की बाढ़ से सुरक्षित रहेगी। मानसून के दौरान कभी-कभी एक लाख क्यूसेक तक पानी ले जाने वाली यह नदी अब हिमाचल में खतरा नहीं रही। हालांकि, पंजाब के क्षेत्रों में बरसात के मौसम में स्वां तबाही मचाती है। सूत्रों ने बताया कि नदी को चैनलाइज करने का प्रस्ताव करीब एक दशक पहले केंद्र को भेजा गया था, लेकिन उस पर कभी अमल नहीं हुआ

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