आतंकवाद का सफाया, बहादुरी पंजाब पुलिस की पहचान : डीजीपी
चंडीगढ़, 21 अक्तूबर (हप्र/एजेंसी)
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शनिवार को कहा कि राज्य पुलिस अपनी बहादुरी, साहस और आतंकवाद का सफलतापूर्वक खात्मा करने के लिए जानी जाती है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस मातृभूमि को दुश्मनों से बचाने के लिए हमेशा सबसे आगे रही है। यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस सीमावर्ती राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की दिशा में कड़ी मेहनत जारी रखेगी। जालंधर के पंजाब आर्म्ड पुलिस (पीएपी) मुख्यालय में राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आतंकवादियों और अपराधियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए डीजीपी ने कहा कि राज्य पुलिस ने सितंबर 1981 से अब तक अपने 1,797 अधिकारियों का बलिदान दिया है, जिनमें इस साल प्राण गंवाने वाले तीन अधिकारी शामिल हैं। यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है और जब तक यह समस्या राज्य से पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती, तब तक वह आराम से नहीं बैठेगी। पुलिस ने पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए ‘प्रवर्तन’, ‘नशामुक्ति’ और ‘रोकथाम’ की तीन-स्तरीय रणनीति शुरू की थी। डीजीपी ने कहा कि जहां मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, वहीं पीड़ितों को पुनर्वास के लिए नशामुक्ति केंद्रों में ले जाया जा रहा है। पत्रकारों के साथ बातचीत करते डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’(एसएसएफ) नाम का प्रमुख प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू हो जायेगा, जिससे न सिर्फ़ दुर्घटनाओं को कम कर लोगों की कीमती जानें बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में यातायात को भी सुचारू बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि एसएसएफ के 1500 पुलिस मुलाज़िम पहले ही सड़क सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण ले रहे हैं और फोर्स के लिए 121 नये टोयोटा हिलकस और 28 इंटरसेप्टर वाहन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि ये वाहन हर 30 किलोमीटर पर तैनात किये जाएंगे और सड़क सुरक्षा को यकीनी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। डीजीपी ने शहीदों के परिवारों के साथ भी मुलाकात की और उन्हें पंजाब पुलिस की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया।