डीईओ कार्यालय का पत्र अनुचित, वापस लिया जाए : डीटीएफ
समराला, 21 मई (निस)
अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने बच्चों को किस स्कूल में दाखिल कराना है, यह हर माता-पिता का व्यक्तिगत निर्णय है। उन्हें इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता कि वे अपने बच्चों को किसी विशेष स्कूल में ही दाखिला दिलवाएं। यह विचार डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) लुधियाना जिला के प्रधान रमनजीत सिंह संधू और सचिव रुपिंदरपाल सिंह गिल ने व्यक्त किए। गौरतलब है कि जिला शिक्षा अधिकारी लुधियाना की ओर से एक पत्र जारी करके स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी विद्यार्थी ने स्कूल ऑफ एमिनेंस की प्रवेश परीक्षा पास कर ली है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि वह विद्यार्थी केवल उसी स्कूल ऑफ एमिनेंस में ही दाखिला ले। डीईओ ने यह चेतावनी भी दी कि अगर इन निर्देशों की अनदेखी की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीटीएफ ने डीईओ कार्यालय के इस पत्र को अनुचित करार देते हुए इस धमकी भरे आदेश का विरोध किया है और इस पत्र को तुरंत वापस लेने की मांग की है। डीटीएफ लुधियाना के नेताओं ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से लुधियाना के सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि जिन विद्यार्थियों ने स्कूल ऑफ एमिनेंस की प्रवेश परीक्षा पास की है, उन्हें उन्हीं स्कूलों में दाखिला दिलाना स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी। डीटीएफ पहले ही स्कूल ऑफ एमिनेंस को भेदभाव वाला शिक्षा मॉडल घोषित कर चुका है। संगठन की ओर से यह मांग की गई है कि सभी सरकारी स्कूलों को गुणवत्ता युक्त बनाया जाए।