वीरेन्द्र प्रमोद/निस
लुधियाना 18 अप्रैल
पड़ोस की ढाई साल की बच्ची को जिंदा दफनाने के जुर्म में यहां की अदालत ने एक महिला को फांसी की सजा सुनाई है। लुधियाना की शिमलापुरी कालोनी की क्वालिटी रोड पर रहने वाली दोषी महिला ने मासूम बच्ची दिलरोज कौर को 2021 में गड्ढा खोदकर दफना दिया और दम घुटने से बच्ची की मौत हो गयी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुनीश सिंघल की अदालत ने 12 अप्रैल को महिला को दोषी करार दिया था। सरकारी वकील बीडी गुप्ता ने बताया कि यह दुर्लभतम मामला है, जिसमें पोस्टमार्टम के दौरान मृतक बच्ची के फेफड़ों में रेत पाई गई थी। पुलिस में दर्ज केस के मुताबिक महिला का पीड़िता के परिवार से विवाद था। बदला लेने की नीयत से 28 नवंबर, 2021 को उसने मासूम बच्ची को अपनी स्कूटी पर अगवा किया और शहर के बाहरी इलाके में स्थित स्लेम टाबरी कालोनी के पास एक गड्ढे में जिंदा दफना दिया। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में महिला पकड़ी गयी और उसने थोड़ी सी सख्ती में ही अपराध कबूल कर लिया।
बृहस्पतिवार को जब अदालत ने महिला को फांसी की सजा सुनाई तो वह फूट-फूट कर रोने लगी और रहम के लिए गिड़गिड़ाने लगी। उसने अपने दो छोटे बच्चों का भी वास्ता दिया। अदालत ने कहा कि महिला रहम की हकदार नहीं है। सीसीटीवी फुटेज में वह जब बच्ची को ले जाती दिख रही है तो साजिश से अनजान बच्ची हंस रही है। उसके दिल में उस बच्ची के लिए जरा भी रहम नहीं आई जिसे वह आंटी कहकर बुलाती थी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाहों से पूछताछ की गई। अदालत ने टिप्पणी की, ‘एक बच्ची को जिंदा दफनाकर हत्या करने का पूरा कृत्य मानवीय मूल्यों पर धब्बा है और आरोपी ने पड़ोसियों के विश्वास और मानवता के विश्वास को तोड़ा है।’