जोगिंदर सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9अप्रैल
पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर ने गोयल एंड गोयल ग्रुप को एक बड़ा झटका देते हुए फैकल्टी चुनाव फिर से कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। पिछले साल अक्तूबर में चुनाव होने के बाद से फैकल्टी से चुने गए प्रतिनिधि अभी तक अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रियतोश और अन्य के प्रतिवेदन पर विचार करने के बाद कुलाधिपति एम वेंकैया नायडू ने आज आदेश जारी किए हैं कि रजिस्ट्रार फिर से फैकल्टी के चुनाव कराएं। वैसे फैकल्टी चुनाव को अधिसूचित किए जाने को लेकर कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में पहले से ही एक याचिका दायर कर रखी है। फैकल्टी से सीनेटर चुनाव जीत कर आए सदस्यों ने चांसलर से गुहार लगाई थी कि उनके नामों को अधिसूचित कर दिया जाए। चांसलर ने अन्य सभी कांस्टीचुएंसी से जीत कर आए सीनेटरों के नामों को तो अधिसूचित कर दिया, लेकिन फैकल्टी में 6 लोगों के नाम को अभी तक अधिसूचित नहीं किया था। इस फैकल्टी में अशोक गोयल, नवदीप गोयल, केशव मल्होत्रा, राजेश गिल, अनु चतरथ और रौणकी राम के नाम प्रमुख हैं। इनमें से भी अब प्रोफेसर राजेश गिल तो रिटायर हो गई है और उन्होंने री-एंप्लॉयमेंट से भी इस्तीफा दे दिया है। यानी अब वह प्रोफेसर नहीं है सबसे ज्यादा विवाद प्रोफेसर राजेश गिल और अशोक गोयल को लेकर था। राजेश गिल जिस कांस्टीट्यूएंसी से चुनकर आयीं हैं, वहां पर प्रोफेसर प्रियतोश ने आरोप लगाया था कि वोटर लिस्ट में कुछ ऐसे लोगों के नाम भी शामिल हैं जो या तो रिटायर हो चुके हैं या अब इस दुनिया में ही नहीं है।
ऑफिस से नहीं मिली कोई जानकारी
इस बीच अशोक गोयल और नवदीप गोयल ने एक बयान जारी कर यह कहा है कि चांसलर की ओर से उन्हें अभी तक ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है। उनका कहना है कि हमें नहीं मालूम कि चांसलर के कार्यालय से यह सूचना कैसे लीक हुई और किसने की और किसने प्रेस को यह सब जानकारी दी। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि आधिकारिक तौर पर फैकल्टी के चुनाव रद्द करके दोबारा चुनाव होने की सूचना मिलने पर ही वह आगे की कार्रवाई तय करेंगे।