कपूरथला, 5 जून (निस)
नेशनल हाईवे अथारटी ऑफ इंडिया के लिए नयी दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का काम शुरू करवाना टेढ़ी खीर साबित होता जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत कपूरथला जिले के 45 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, लेकिन किसानों के विरोध के चलते भूमि अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है। हालांकि प्रशासन ने इस संबंधी सारी प्रक्रियाएं शुरू कर रखी है, लेकिन किसानों ने प्रशासन द्वारा शुरु की गई प्रक्रिया का ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। कुछ किसानों ने तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी कर ली है। किसानों का आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से इसमें घपलेबाजी की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार की तरफ से 47 हजार करोड़ खर्च किए जाने हैं। एनएचएआई इसका सारा काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2023 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक कपूरथला जिले के पड़ाव का काम ही शुरू ही नहीं हो सका है।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एवं जामनगर एक्सप्रेस वे के लिए जिले के किसानों की करीब 704 एकड़ जमीन आ रही है। जिले से करीब 32 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे गुजरेगा और एक किलोमीटर में 22 एकड़ जमीन आ रही है। इस समय मार्केट में जमीन का रेट 25 से 30 लाख रुपए के करीब है, जबकि सरकार की ओर से किसानों को मात्र 10 से 15 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से ही मुआवजा दिया जा रहा है। इस संबंध में रोड संघर्ष समिति के जिला प्रधान प्रभदयाल सिंह का कहना है कि सुल्तानपुर लोधी ब्लाक के 12 गांवों, कपूरथला ब्लाक के 5 गांवों एवं भुलत्थ ब्लाक के 28 गांवों की जमीन एक्वायर हो रही है, लेकिन किसी गांव के किसान को चार लाख, किसी गांव के किसान को 6 लाख और किसी गांव के किसान को 10 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। यह किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
572 किलोमीटर दूरी घटेगी
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे से दिल्ली और कटरा के बीच की दूरी 747 किलोमीटर से घटकर 572 किलोमीटर हो जाएगी। दिल्ली और कटरा के बीच 14 घंटे का यात्रा समय घट कर छह घंटे रह जाएगा।