मादक पदार्थों को खत्म करने में मिली बड़ी सफलता, अभियान जारी रहेगा
चंडीगढ़, 31 मई (एजेंसी)
पंजाब की जमीन पर नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब असर दिखा रही है। राज्य के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने शनिवार को दावा किया कि प्रदेश में मादक पदार्थों की आसान उपलब्धता अब बीते दिनों की बात बन चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे की समस्या पूरी तरह खत्म तो नहीं हुई, लेकिन पुलिस और सरकार का साझा अभियान निर्णायक मोड़ पर है। डीजीपी ने बताया कि अब तक 13,038 लोगों की गिरफ्तारी और 8,344 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। आंकड़े चौंकाने वाले हैं कि 586 किलो हेरोइन, 14,000 किलो चूरापोस्त, 247 किलो अफीम, 253 किलो गांजा, 1.6 किलो आईसीई और 25.70 लाख नशीली गोलियां जब्त की जा चुकी हैं।
इतना ही नहीं, 48 हवाला ऑपरेटर भी गिरफ्त में आ चुके हैं और 10.76 करोड़ रुपये की काली कमाई जब्त की गई है। 1,205 मामलों में अदालत ने सुनवाई पूरी की है, जिनमें 1,085 में दोष सिद्ध हुए। ये आंकड़े पुलिस की गंभीरता और सफलता दोनों की कहानी कहते हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा तय की गई ‘तीन महीने में नशा मुक्त पंजाब’ की समयसीमा के संदर्भ में डीजीपी का यह बयान अहम है। उन्होंने कहा कि हम एक मजबूत, बहुआयामी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। सख्त कार्रवाई, नशा मुक्ति और रोकथाम, इन तीनों मोर्चों पर एक साथ काम हो रहा है।
‘कुछ इलाकों में अभी भी चुनौती’
डीजीपी गौरव यादव ने यह भी माना कि कुछ इलाके अब भी चुनौती बने हुए हैं, लेकिन अब “हर गली में नशा आसानी से मिल जाता है” वाली धारणा टूट चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि अब जरूरत है। समाज के हर वर्ग के सहयोग की, ताकि नशे के दलदल से हर युवा को बाहर निकाला जा सके।