Anti-Sacrilege Bill: पंजाब विधानसभा में बेअदबी विधेयक पर तीखी बहस
आतिश गुप्ता/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 जुलाई
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत मंगलवार को 114 वर्षीय विश्वविख्यात मैराथन धावक फौजा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर हुई।
उन्होंने सोमवार को जालंधर के निकट अपने गांव ब्यास में सड़क पार करते समय एक अज्ञात वाहन की चपेट में आकर दम तोड़ा था।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को सदन में ‘पवित्र ग्रंथों के अपमान की रोकथाम विधेयक, 2025’ प्रस्तुत किया, जिस पर मंगलवार को चर्चा शुरू हुई।
इस विधेयक में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में न्यूनतम 10 वर्ष से लेकर अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
विपक्ष ने उठाए जांच प्रक्रिया पर सवाल
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए इसकी जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की।
ये दिये सुझाव
बेअदबी के मामलों की जांच 30 दिनों के भीतर पूरी हो,
यदि आवश्यक हो, तो एसएसपी स्तर का अधिकारी अधिकतम 15 दिनों की मियाद बढ़ा सके,
इसके बाद जांच अवधि बढ़ाने का अधिकार डीजीपी को दिया जाए।
बाजवा ने यह भी कहा कि जांच सिर्फ डीएसपी स्तर के अधिकारियों तक सीमित न हो, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में होनी चाहिए, जिससे ढिलाई और पक्षपात से बचा जा सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ सरकार ने पूर्व में कुछ मामलों में दोषियों को बचाने की कोशिश की है।
दो अन्य विधेयक भी सदन में पेश
सत्र के दौरान सरकार ने दो अन्य प्रमुख विधेयक सदन में रखे गए।
पंजाब राज्य विकास कर (संशोधन) विधेयक, 2025 – कर नियमों को सरल और वसूली व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से।
पंजाब विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक, 2025 – राज्य की विधायी प्रणाली से पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को हटाने के लिए।
मुख्यमंत्री ने इन विधेयकों को धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।