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आप का ‘दिल्ली मॉडल’ खारिज, पंजाब में चुनौती बढ़ी

राजनीतिक विश्लेषक बोले- दिल्ली के नतीजे 2027 के पंजाब चुनाव में विपक्षी दलों को अवसर देंगे
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चंडीगढ़, 9 फरवरी (एजेंसी)

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद अब उसे पंजाब में खुद को मजबूत बनाए रखने और राज्य में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी ‘विकास के दिल्ली मॉडल’ को प्रदर्शित करते हुए सत्ता में आयी थी, जिसमें मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए एक हजार रुपये प्रति माह, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं और शिक्षा क्षेत्र में सुधार जैसे वादे किए गये थे।

पंजाब विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के शहीद भगत सिंह चेयर प्रोफेसर रोनकी राम ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोगों ने आप के ‘दिल्ली मॉडल’ को खारिज कर दिया, क्योंकि उन्हें यह टिकाऊ नहीं लगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी पार्टी इसी मॉडल पर काम कर रही है। रोनकी राम ने कहा, ‘अगर दिल्ली के लोगों ने उस मॉडल का समर्थन नहीं किया तो पंजाब के लोग उसका समर्थन क्यों करेंगे।’

‘इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन’ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा, ‘आप ने पंजाब में विकास का दिल्ली मॉडल लागू करने का वादा किया था। उस मॉडल का जो हश्र दिल्ली में हुआ, वही पंजाब में भी होगा। उन्हें पंजाब-केंद्रित मॉडल की योजना बनानी होगी। सबक यह है कि दिल्ली मॉडल पंजाब में काम नहीं करेगा।’

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल आप के लिए एक चुनौती हैं, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में विपक्षी दलों के लिए एक अवसर के रूप में भी सामने आये हैं। प्रमोद कुमार ने कहा, ‘अब पंजाब चुनावी मोड में आ जाएगा और ‘आप’ अपना पूरा ध्यान पंजाब पर केंद्रित कर देगी। आप के लिए चुनौती यह है कि पार्टी को एकजुट कैसे रखा जाए। दूसरी चुनौती यह है कि बेहतर प्रदर्शन कैसे किया जाए। राज्य में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए रोजमर्रा के कार्यों में पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल का सीधा हस्तक्षेप होगा।’

कुमार ने कहा कि जहां तक ​​विपक्षी दलों का सवाल है, यह देखना होगा कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा किस तरह का गठबंधन बनाते हैं, अन्यथा दोनों के लिए अकेले लड़ने पर कोई मौका नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह पंजाब में कैसे पार्टी को पटरी पर लाती है और विकल्प पेश करती है।

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