नयी दिल्ली, 10 जुलाई (एजेंसी)यूट्यूबर कार्ल एडवर्ड राइस की पत्नी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर उनका नाम काली सूची में डालने और भारत में प्रवेश के लिए वीजा से इनकार करने के केंद्र सरकार के कथित मनमाने एवं अनुचित फैसले को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके पति को वीजा न देने और प्रतिद्वादियों (केंद्र) द्वारा मनमाने ढंग से उनका नाम काली सूची में डालने के कारण वह उनके साथ रहने से वंचित हैं, जो जीवन एवं गरिमा के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, जोकि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता मनीषा मलिक और उनके पति जो कार्ल रॉक के तौर पर लोकप्रिय हैं, दोनों ही यूट्यूब व्लॉगर हैं और भारत की खूबसूरती को कैद करने के लिए उसके ज्यादातर हिस्सों में गए हैं तथा यहां पर्यटन को बढ़ावा देने में उनका योगदान रहा है। याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। इसमें कहा गया कि अधिकारियों ने राइस का नाम काली सूची में डालने का आधार नहीं बताया है, जबकि उन्होंने और उनकी पत्नी ने कई प्रतिवेदन दिए हैं। याचिका में कहा गया है कि वीजा से इनकार किये जाने की वजह से दंपति जुदा हो गए हैं और उन्हें वीजा शर्तों का उल्लंघन बताने वाले कोई कारण तथा उन्हें वीजा नहीं देने की वजहों को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया है। केंद्र के कदम को सत्ता का मनमाना दुरुपयोग करार देते हुए, याचिका में कहा गया कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संबंध में कुछ अधिकारों का संरक्षण) के तहत याचिकाकर्ता के अधिकारों का उल्लंघन है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि न्यूजीलैंड के नागरिक को उनके वीजा की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए अगले साल तक भारत में प्रवेश से प्रतिबंधित किया गया है।