Weather Update: हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ में आंधी-बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दिल्ली में विमान सेवा भी प्रभावित
चंडीगढ़, 25 मई (दैनिक ट्रिब्यून टीम/एजेंसी)
Weather Update: उत्तर भारत के कई राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में मौसम ने करवट ले ली है। बीते शनिवार देर शाम से शुरू हुई तेज आंधी और बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौसम के बदले मिजाज से एक ओर जहां तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं दूसरी ओर तेज हवाओं और बारिश ने कई इलाकों में परेशानी पैदा कर दी।
पंजाब के संगरूर जिले में शनिवार रात करीब आठ बजे अचानक आई तेज आंधी और बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर और आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई, जिससे चारों तरफ अंधेरा छा गया। आंधी में सैकड़ों पेड़ गिर गए, जिससे कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं। बाजार बंद हो गए और लोग घरों में कैद होकर रह गए।
हरियाणा में जलजमाव से परेशान लोग
हरियाणा के अंबाला और जगाधरी में बारिश के कारण सड़कों पर जलजमाव हो गया। कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही बाधित हुई। तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने जनजीवन को खासा प्रभावित किया है।
चंडीगढ़ और हिमाचल में गिरा तापमान
चंडीगढ़ में रविवार सुबह से रुक-रुक कर बूंदाबांदी जारी रही, जिससे तापमान में आई गिरावट आई है। हिमाचल प्रदेश के कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में भी बारिश और ठंडी हवाओं का दौर जारी है।
बिजली और यातायात व्यवस्था प्रभावित
तेज आंधी के चलते कई जिलों में बिजली के खंभे उखड़ गए, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई। कई इलाकों में पेड़ गिरने से सड़क मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने आगामी 24 से 48 घंटे तक मौसम के ऐसे ही बने रहने की संभावना जताई है। आईएमडी ने बताया कि दिल्ली में रविवार को हवा, आंधी और हल्की बारिश के अनुमान के कारण शहर के लिए ‘येलो' अलर्ट जारी किया गया है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर विमान परिचालन बाधित
ष्ट्रीय राजधानी में रातभर भारी बारिश और आंधी के कारण देश के सबसे बड़े इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर 17 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों समेत 49 विमानों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र ने देर रात 11 बजकर 30 मिनट से सुबह पांच बजकर 30 मिनट के बीच छह घंटे में 81.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की और इस दौरान 82 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि खराब मौसम के कारण शनिवार रात साढ़े 11 बजे से रविवार तड़के चार बजे के बीच 17 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों सहित 49 विमानों का मार्ग परिवर्तित किया गया। विमानन कंपनी ‘इंडिगो' ने तड़के तीन बजकर 59 मिनट पर ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली में प्रतिकूल मौसम की वजह से विमान संचालन में अस्थायी बाधाएं पैदा हुई हैं। इसने कहा कि मौसम धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है लेकिन हवाई क्षेत्र में कुछ अवरोध बना हुआ है।
इंडिगो ने कहा, ‘‘हम आपको आश्वस्त करते हैं कि परिस्थितियां अनुकूल होने के साथ ही उड़ानों की आवाजाही फिर से शुरू की जाएगी।'' इसने सुबह पांच बजकर 54 मिनट पर एक अन्य पोस्ट में बताया कि दिल्ली में आसमान साफ होने के साथ ही उड़ानों का संचालन सामान्य हो गया है। विमानों के आवागमन पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘फ्लाइटरडार24डॉटकॉम' पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हवाई अड्डे पर कई उड़ानों के संचालन में विलंब हुआ और कुछ उड़ानें रद्द कर दी गईं तथा प्रस्थान में औसतन 30 मिनट से अधिक की देरी हुई।
कुल्लू में बाढ़ से वाहनों को नुकसान, 27 और 28 मई को 12 जिलों के लिए ‘येलो' अलर्ट
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में शनिवार शाम भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से सड़क किनारे खड़े लगभग 20 से 25 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। निरमंड के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) मनमोहन सिंह ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण सूखे शरशया नाले में अचानक पानी का बहाव तेज हो गया, जिससे निरमंड के जगत खाना के निकट लगभग 20-25 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। बाढ़ और मलबे में बहते वाहनों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सतलुज नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यह घटना बादल फटने के कारण हुई, जबकि प्रशासन ने इसके लिए भारी बारिश को जिम्मेदार ठहराया। स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 27 व 28 मई को सभी 12 जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने और बिजली चमकने के साथ आंधी-तूफान का ‘येलो' अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि 25 और 26 मई को सिरमौर, सोलन, शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
केरल में मानसून समय से पहले पहुंचा, भारी बारिश और तेज हवाओं से घरों और फसलों को नुकसान
केरल में शनिवार को मानसून के समय से पहले पहुंचने के बीच भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण घरों और फसलों को नुकसान पहुंचा, बिजली आपूर्ति बाधित हुई और सड़कों पर जलभराव हो गया। राज्य के विभिन्न भागों में उखड़े हुए पेड़ों और टूटी शाखाओं के कारण घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचा तथा बिजली के खंभों के उखड़ जाने से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
राज्य में दिनभर भारी बारिश जारी रहने के कारण कई ग्रामीण और शहरी इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गईं। राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि कुछ स्थानों पर बिना किसी चेतावनी के थोड़े समय में भारी बारिश हो सकती है, जिससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो सकती है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य में मानसून के समय से पहले पहुंचने की घोषणा की है। विभाग ने कहा कि राज्य में 16 साल के अंतराल के बाद मानसून का आगमन समय से पहले हुआ है। आईएमडी के अनुसार, मानसून सामान्य से आठ दिन पहले आया और पिछली बार ऐसा 23 मई 2009 को हुआ था। इससे पहले, 1975 के बाद 19 मई 1990 को मानसून का जल्दी आगमन देखा गया था।
आईएमडी ने कहा कि मानसून के आगमन के साथ पूरे केरल में भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है और अगले कुछ दिनों के लिए राज्य के कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उसने कन्नूर और कासरगोड जिलों में रेड अलर्ट तथा राज्य के शेष 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया।
इसके अलावा रविवार के लिए पांच जिलों में रेड अलर्ट और नौ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। सोमवार के लिए केरल के 11 जिलों में रेड अलर्ट तथा शेष तीन में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। मानसून के आगमन और आईएमडी द्वारा जारी रेड अलर्ट के मद्देनजर केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार अगले एक सप्ताह तक अलर्ट पर रहेगी। उन्होंने 'फेसबुक' पोस्ट में कहा, "राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई गई है और बारिश से संबंधित तैयारियां तुरंत पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि सभी जिलों में मानसून पूर्व समीक्षा बैठकें और तैयारी पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की नौ टीम की तैनाती के लिए केंद्र को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा, "भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य के सभी तालुका कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।"
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड के जिलाधिकारियों से बात कर उनके जिलों में आपदा तैयारियों का आकलन किया। वायनाड में जिलाधिकारी ने भारी बारिश और रविवार को जिले में रेड अलर्ट के कारण रेड जोन और अन्य आपदा संभावित क्षेत्रों के निकट सभी साहसिक पर्यटन केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया।
जिला प्रशासन ने बताया कि वायनाड में सभी खनन गतिविधियां भी निलंबित कर दी गई हैं। पथानामथिट्टा में भी जिला प्रशासन ने 24 मई से 28 मई तक पर्वतीय स्थलों पर खनन और रात्रि यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिला प्रशासन ने आपदा संभावित क्षेत्रों के निकट रहने वाले लोगों को भी वहां से हटाने का आदेश दिया है।
सुबह राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि तेज हवाएं और भारी बारिश राज्य में मानसून के जल्द आगमन का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि कोझिकोड, इडुक्की और पथानामथिट्टा के उत्तरी जिलों में बारिश अधिक होगी। एक टीवी चैनल से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि मानसून के आगमन के मद्देनजर उससे पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिये तैयारियां कर ली गई हैं।
राजन ने कहा कि मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और वह प्रत्येक जिले में स्थिति का आकलन करने के लिए दिन में उनके साथ ऑनलाइन बैठक करेंगे। उन्होंने आम जनता को भारी बारिश के मद्देनजर सावधानी बरतने और केवल सुरक्षित स्थानों तक यात्रा करने की सलाह दी।