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आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना होगा : जयशंकर

विदेश मंत्री ने एससीओ में दिया संयुक्त राष्ट्र के समर्थन का हवाला
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नयी दिल्ली, 15 जुलाई (ट्रिन्यू)

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया को उचित ठहराते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना होगा। वह चीन के तियानजिन में बहुराष्ट्रीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हमने तब से ठीक यही किया है और आगे भी करते रहेंगे। गौर हो कि पाकिस्तान और चीन शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य हैं। जयशंकर ने उपस्थित लोगों को याद दिलाया, ‘एससीओ की स्थापना जिन तीन बुराइयों से निपटने के लिए की गई थी, वे हैं आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद। आश्चर्य की बात नहीं कि ये अक्सर एक साथ घटित होते हैं। हाल ही में, भारत में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में इसका एक ज्वलंत उदाहरण देखा।’ जयशंकर ने समूह से अफ़ग़ानिस्तान को विकास सहायता बढ़ाने का भी आग्रह किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इस बीच, जिनपिंग से मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति शी को भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल में हुई प्रगति के बारे में अवगत कराया। जयशंकर ने अपने रूसी और ईरानी समकक्ष से भी वार्ता की।

जिनपिंग का अमेरिका पर निशाना

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति ने एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को संबोधित करते हुए अमेरिका पर परोक्ष हमला किया। उन्होंने कहा कि संगठन को आधिपत्य, ताकत की राजनीति और धौंस-धमकी का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए।

संसद में चर्चा कराए सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि सरकार को चीन और दूसरी सुरक्षा चुनौतियों पर संसद के मानसून सत्र में चर्चा करवाते हुए सवालों के जवाब देने चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को पूरा समर्थन दिया।

चीन की सैन्य गतिविधियों से जापान को चिंता

टोक्यो : जापान ने अपने दक्षिण-पश्चिमी तटों से लेकर प्रशांत महासागर तक के विस्तृत क्षेत्रों में चीन की सैन्य गतिविधियों में तेजी के मद्देनजर कड़ी चेतावनी देते हुए इस कदम को सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती बताया है।

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