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वक्फ विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कई राज्यों में प्रदर्शन

कांग्रेस सांसद जावेद और एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने दायर की याचिका, लोकसभा स्पीकर ने सोनिया गांधी की टिप्पणी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
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नयी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद परिसर में शुक्रवार को तैनात रैपिड एक्शन फोर्स के जवान। -मुकेश अग्रवाल
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नयी दिल्ली, 4 अप्रैल (एजेंसी)

कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की वैधता को चुनौती दी और कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। वहीं, कई राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन हुए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, असम में मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे। अहमदाबाद में पुलिस ने ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उनके लगभग 40 सदस्यों को हिरासत में ले लिया। दिल्ली में पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया। निगरानी के लिए ड्रोन भी तैनात किये गये। इस बीच, सियासी बयानबाजी भी उफान पर रही।

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कांग्रेस सांसद जावेद की याचिका में आरोप लगाया गया है कि विधेयक में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर मनमाने प्रतिबंध लगाने के प्रावधान किये गये हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता कमजोर होगी। याचिका में कहा गया है कि विधेयक में मुस्लिम समुदाय से भेदभाव किया गया है, इसमें ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो अन्य धार्मिक बंदोबस्तों में मौजूद नहीं हैं।

इधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को पारित करने पर उनकी टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। सोनियाने आरोप लगाया था कि वक्फ विधेयक को जबरन पारित किया गया और यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है।

बढ़ेगी पारदर्शिता : मोदी 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पारित विधेयक पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए मददगार होगा जो लंबे समय से हाशिये पर हैं, जिन्हें आवाज उठाने और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय बन गई है, जिससे विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है।

जदयू से जुड़े लोगों का इस्तीफा जारी 

पटना : संसद में वक्फ विधेयक का समर्थन करने से नीतीश कुमार की जदयू में विवाद जारी है। मीडिया रिपोर्ट में पार्टी नेता तबरेज सिद्दीकी के इस्तीफे की सूचना सामने आई। इससे पहले, पूर्वी चंपारण से मोहम्मद कासिम अंसारी और जमुई से नवाज मलिक ने सोशल मीडिया पर इस्तीफे साझा किए। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी और बिहार शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास ने कहा था कि कई सुझावों को ध्यान में नहीं रखा गया। इस बीच, बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने एक्स पर छेड़छाड़ की गई एक तस्वीर साझा कर निशाना साधा। इसमें जदयू नेता आरएसएस जैसी ड्रेस पहने दिख रहे हैं।

विपक्ष अल्पसंख्यकों को न भड़काये : भाजपा

भाजपा ने कहा कि विपक्ष चाहे तो विधेयक को अदालत में चुनौती दे सकता है, लेकिन उसे अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को भड़काने और तुष्टीकरण की ‘तुच्छ राजनीति’ करने से बचना चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ कानूनी विशेषज्ञ बार-बार कह रहे हैं कि यह (विधेयक) असंवैधानिक है और वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्हें अदालत जाने दीजिए। उन्हें कोई नहीं रोक रहा है। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने को भी असंवैधानिक बताया गया था।’ भाजपा के राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्षी दल अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को ‘उकसाने’ से बचें।

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