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Vimal Negi death case: सीएम सुक्खू बोले- निष्पक्ष जांच होगी, विपक्षी दल भाजपा ने किया सदन से वाॅकआउट

Vimal Negi death case: विपक्षी दल भाजपा ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की
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विधानसभा से वॉकआउट कर बाहर आते भाजपा विधायक।
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ज्ञान ठाकुर/हप्र, शिमला, 20 मार्च

Vimal Negi death case: हिमाचल प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के महाप्रबंधक व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में गुरुवार को प्रदेश विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। विपक्षी दल भाजपा ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पहले सदन में हंगामा किया और बाद में सदन से वाॅकआउट भी किया।

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दूसरी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। विपक्ष ने इस मुददे पर नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने नामंजूर कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान विमल नेगी की मौत का मामला उठाते हुए कहा कि सरकार को इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सारे मामले में कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं और पावर काॅरपोरेशन की कार्यप्रणाली पहले दिन से ही विवादों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि मृतक चीफ इंजीनियर को पावर काॅरपोरेशन में मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता था। उन्होंने यह भी पूछा कि काॅरपोरेशन में देशराज को पांच लोगों को सुपरसीड कर क्यों निदेशक बनाया गया और सरकार इन पर इतनी मेहरबान क्यों है।

भाजपा के ही रणधीर शर्मा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि सरकार ने इस मामले में एफआईआर जरूर दर्ज की है, लेकिन इसमें सिर्फ पावर काॅरपोरेशन के निदेशक देशराज का ही नाम है, जबकि निदेशक हरिकेश मीणा का इसमें नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि एफआईआर में दूसरे अधिकारी का भी नाम आना चाहिए अन्यथा यह माना जाएगा कि सरकार के चार मंत्रियों ने आधी रात को मृतक के परिजनों को गुमराह किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझ कर काॅरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा का एफआईआर में नाम दर्ज नहीं किया है। उन्होंने आईएएस हरिकेश मीणा के खिलाफ जांच एक आईएएस अधिकारी को ही दिए जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि इससे सरकार की मंशा का पता चलता है।

विपक्ष द्वारा यह मुददा उठाए जाने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उचित कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से मृतक विमल नेगी की पत्नी संतुष्ट है और उन्होंने स्वयं व्यक्तिगत तौर पर उनसे बात की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कार्रवाई से परिजन और रिश्तेदार सभी संतुष्ट हैं लेकिन सिर्फ भाजपा असंतुष्ट है। यही कारण है कि बीती रात नेता प्रतिपक्ष व भाजपा के अन्य नेता मृतक के पार्थिव शरीर के पास बैठकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने विपक्ष पर इस सारे मामले पर राजनीति करने और बात का बतंगड़ बनाने का भी आरोप लगाया।

इससे पूर्व संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार के चार मंत्रियों ने बीती रात इस मामले को सुलझा लिया है, लेकिन भाजपा इसमें आग लगाने और भड़काने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले को राजनीति रंग देने का प्रयास न करे। सरकार का प्रयास है कि विमल नेगी और उसके परिजनों को न्याय मिले।

इसी मुददे पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सारा मामला शांत हो गया है और परिजन भी संतुष्ट हैं और सिर्फ भाजपा असंतुष्ट है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को इसलिए सीबीआई को नहीं सौंप रही है, क्योंकि सीबीआई और ईडी दोनों भाजपा के हाथ में है। उन्होंने माना कि विमल नेगी कि मानसिक दवाब के कारण मौत हुई है जो दुखद है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और फिर पूुरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।

विधानसभा अध्यक्ष ने लिया संज्ञान

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विमल नेगी की मौत बेहद संवेदनशीनल मुददा है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सत्ता पक्ष, विपक्ष और विधानसभा पीड़ित परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और वह स्वयं इस मामले को देखेंगे। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए कहा कि उन्हें विमल नेगी की मौत के मामले में भाजपा के जयराम ठाकुर, डाॅ. जनकराज, रणधीर शर्मा, विपिन सिंह परमार और अन्य की और से नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव आज ही प्राप्त हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने चूंकि इस मामले में पहले ही अपेक्षित कार्रवाई कर दी है। ऐसे में इस मामले को नियम-67 के तहत उठाने का अब कोई औचित्य नहीं है।

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