छेड़छाड़ केस में जमानत पर चल रहे BJP राज्यसभा सदस्य के बेटे विकास बराला हरियाणा में AAG नियुक्त
Vikas Barala: करीब आठ साल पहले एक चर्चित स्टॉकिंग केस में नाम सामने आने के बाद चर्चा में आए राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को हरियाणा सरकार ने दिल्ली स्थित एडवोकेट जनरल कार्यालय में सहायक महाधिवक्ता (Assistant Advocate-General – AAG) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 18 जुलाई को जारी सरकारी आदेश के तहत हुई है, जिसमें कुल 95 से अधिक विधि अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
विकास बराला के अलावा इस सूची में कई और हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं — जैसे कि अनु पाल, जो पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की जज लिसा गिल और यूटी होम सेक्रेटरी मनीप सिंह बरार की बहन हैं। स्वाति बत्रा पूर्व हाई कोर्ट जज ललिता बत्रा की बेटी हैं, जबकि रुचि सेखरी पंजाब भाजपा की नेता हैं। वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव सर्वेश कौशल के बेटे नितिन कौशल को भी नियुक्ति दी गई है।
2017 स्टॉकिंग केस का संदर्भ
विकास बराला 2017 में एक बहुचर्चित मामले में आरोपी रहे हैं। उन पर और उनके मित्र आशीष कुमार पर 5 अगस्त 2017 को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका कुंडू का पीछा करने और परेशान करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। यह मामला अभी भी चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन है। विकास उस समय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रहे थे। जेल में रहते हुए उन्हें पुलिस अभिरक्षा में क्रिमिनोलॉजी का पेपर देने की अनुमति भी मिली थी। वर्तमान में वे ज़मानत पर बाहर हैं।
चयन प्रक्रिया और कानून की व्याख्या
सूत्रों के अनुसार, विकास की नियुक्ति की सिफारिश दो सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जजों की समिति ने की। चयन प्रक्रिया Haryana Law Officers (Engagement) Act, 2016 के तहत की गई, जो यह सुनिश्चित करता है कि चयन समिति उम्मीदवारों के पेशेवर अनुभव, केसों की संख्या और पृष्ठभूमि की जांच करके अनुशंसा करती है।
हालांकि, कानून यह स्पष्ट करता है कि केवल नैतिक पतन (moral turpitude) वाले अपराधों में दोषसिद्ध व्यक्ति की ही नियुक्ति रोकी जा सकती है। चूंकि विकास बराला इस मामले में दोषी नहीं ठहराए गए हैं, इसलिए उनके नाम पर कानूनी अड़चन नहीं बनी।