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US SEC ने गौतम अदाणी व सागर अदाणी को नोटिस पहुंचाने के लिए मांगी भारतीय अधिकारियों की मदद

न्यूयॉर्क, 19 फरवरी (भाषा) अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने यहां एक संघीय न्यायाधीश को बताया कि कथित रिश्वतखोरी मामले में गौतम अदाणी और सागर अदाणी के खिलाफ शिकायत संबंधी नोटिस पहुंचाने के उसके प्रयास ‘‘जारी'' हैं। इसके लिए...
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न्यूयॉर्क, 19 फरवरी (भाषा)

अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने यहां एक संघीय न्यायाधीश को बताया कि कथित रिश्वतखोरी मामले में गौतम अदाणी और सागर अदाणी के खिलाफ शिकायत संबंधी नोटिस पहुंचाने के उसके प्रयास ‘‘जारी'' हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों से भी सहायता का अनुरोध किया गया है।

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एसईसी ने भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी और सागर अदाणी को अपनी शिकायत के संबंध में नोटिस पहुंचाने के अपने प्रयासों के संबंध में न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के ‘यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट' के न्यायाधीश निकोलस गरौफिस के समक्ष मंगलवार को एक स्थिति रिपोर्ट पेश की। एसईसी ने कहा कि गौतम अदाणी और सागर अदाणी दोनों ‘‘ भारत में बसे हैं, और उन्हें शिकायत का नोटिस जारी करने के लिए एसईसी के प्रयास जारी हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों से दीवानी या वाणिज्यिक मामलों में न्यायिक तथा न्यायेतर दस्तावेजों की विदेश में सेवा के लिए ‘हेग सर्विस कन्वेंशन' के तहत मदद का अनुरोध भी किया गया है।'' एसईसी ने कहा कि पिछले वर्ष 20 नवंबर की उसकी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गौतम अदाणी और सागर अदाणी ने ‘अदाणी ग्रीन' द्वारा सितंबर 2021 की ऋण पेशकश के संबंध में अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के बारे में जानबूझकर या लापरवाही से गलत तथा भ्रामक बयान देकर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसने कहा कि चूंकि ‘‘ प्रतिवादी विदेश में रहते हैं, इसलिए संघीय दीवानी प्रक्रिया नियम (एफआरसीपी) का नियम 4(एफ) समन तथा शिकायत जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।'' एफआरसीपी 4(एफ) में सेवा के लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है और एसईसी प्रतिवादियों को ‘‘अंतरराष्ट्रीय रूप से सहमत किसी भी सेवा के जरिये कानूनी दस्तावेज दे सकता है... ।'' प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने पिछले वर्ष नवंबर में गौतम अदाणी, सागर अदाणी और एज़्योर पॉवर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी सिरिल कैबनेस पर व्यापक स्तर पर रिश्वतखोरी की योजना की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम तथा सागर अदाणी और कैबनेस के अलावा अदाणी ग्रीन और एज़्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए थे। अदाणी पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय द्वारा अनुकूल सौर ऊर्जा ठेके हासिल करने के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की कथित साजिश में उनकी भूमिका के लिए अभियोग लगाया जा रहा है। अदाणी समूह ने हालांकि न्याय मंत्रालय और एसईसी द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘‘निराधार'' करार दिया और इनका खंडन किया है। अदाणी समूह के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘ अमेरिकी न्याय मंत्रालय और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है।'' प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘ अभियोग में लगाए गए आरोप तक तक केवल आरोप हैं और जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं...।'' समूह ने कहा कि वह ‘‘ सभी संभव कानूनी विकल्प तलाश सकता है।''

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