नयी दिल्ली, 30 जून (एजेंसी)
उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार हो गया है। उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। इस समिति की प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं की ‘बारीकियों’ को समझने की कोशिश की गयी है।
देसाई ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रारूप संहिता के साथ समिति की रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंप दी जाएगी।’ देसाई ने कहा कि समिति ने मुस्लिम देशों सहित विभिन्न देशों में मौजूदा कानूनों का अध्ययन किया है लेकिन उनके नाम साझा करने एवं रिपोर्ट का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमने विधि आयोग की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है।’
देसाई ने कहा कि उप-समिति की देहरादून और अन्य स्थानों पर 143 बार बैठकें हुईं। देसाई ने कहा, ‘उप समिति ने सार्वजनिक चर्चा के दौरान लगभग 20,000 लोगों के साथ बातचीत की, समिति को लोगों से कुल मिलाकर 2.31 लाख लिखित प्रस्तुतियां प्राप्त हुईं।’
… तो मजबूत होगा धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना
समिति की प्रमुख जस्टिस देसाई ने कहा कि यदि यह मसौदा लागू होता है तो ‘हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा।’ उन्होंने कहा कि उप-समिति ने अपने जन संवाद कार्यक्रम की शुरुआत सीमावर्ती आदिवासी गांव माणा से की थी और उत्तराखंड के सभी जिलों को शामिल करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया।