दो महिला नाविकों ने लहरों को जीतकर नापी दुनिया
नयी दिल्ली, 28 मई (एजेंसी)
नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. और दिलना के. एक छोटी सेलबोट में चार महाद्वीपों की चुनौतीपूर्ण समुद्री यात्रा आठ माह में पूरी करके बृहस्पतिवार को स्वदेश लौट रही हैं। उन्होंने पिछले साल दो अक्तूबर को गोवा से नौसेना के नौकायन पोत (आईएनएसवी) तारिणी पर अपना सफर शुरू किया था। नौसेना ने कहा कि वह ‘नाविका सागर परिक्रमा-द्वितीय’ के विजयी दल का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि तारिणी के ध्वजारोहण समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर करेंगे, जो यात्रा के औपचारिक रूप से समापन का प्रतीक होगा।
प्रवक्ता ने कहा, ‘आठ महीनों की अवधि में नौसेना की जोड़ी (जिसे दिलरू के नाम से जाना जाता है) ने चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन ग्रेट केप में 25,400 नॉटिकल मील (लगभग 50,000 किमी) की दूरी तय की। इसमें मौसम की प्रतिकूल स्थिति और चुनौतीपूर्ण समुद्री लहरों का सामना करते हुए पूरी तरह से पाल और पवन ऊर्जा की मदद ली गई।’
प्रवक्ता ने कहा कि यह अभियान भारत के समुद्री प्रयासों का प्रतीक है और नारी शक्ति ‘साहसी दिल असीम समुद्र’ के आदर्श वाक्य को दर्शाता है। देश के गौरवशाली ध्वजवाहक के रूप में, लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना ने फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड द्वीप) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) के बंदरगाहों पर रुककर अपनी आगे की जलयात्रा की। उन्होंने कई कूटनीतिक और आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लिया।