रियाद, 14 मई (एजेंसी)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइल के अाह्वान को नकारते हुए सीरिया से प्रतिबंध हटाने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने सऊदी अरब में बुधवार को सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से सऊदी अरब में मुलाकात की। दोनों देशों के नेताओं की 25 साल बाद यह पहली मुलाकात है। इसे सीरिया के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो दशकों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने की स्थिति से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है।
अल-शरा से वार्ता के बाद ट्रंप ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के नेताओं से कहा, ‘मैं सीरिया के खिलाफ प्रतिबंध समाप्त करने का आदेश दे रहा हूं ताकि वे नयी शुरुआत कर सकें। प्रतिबंध वाकई बहुत गंभीर और बेहद कठोर हैं।’ ट्रंप ने कहा कि अल-शरा ने अब्राहम समझौते में शामिल होने और अंततः इस्राइल को मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन सीरिया ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
इससे एक दिन पहले ट्रंप ने पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा था कि वह पूर्व तानाशाह बशर अल-असद के शासन में सीरिया पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने के लिए कदम उठाएंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद सीरिया में मंगलवार रात को लोगों ने जश्न मनाया और आतिशबाजी की। वहीं, ट्रंप और अल-शरा की मुलाकात से पहले इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति से सीरिया पर लगे प्रतिबंध न हटाने का आह्वान किया था।
ट्रंप और अल-शरा की बंद कमरे में हुई बैठक में सऊदी अरब के ‘क्राउन प्रिंस’ मोहम्मद बिन सलमान भी शामिल हुए। इसके अलावा तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने फोन कॉल के जरिये बैठक में शिरकत की। तुर्किये अल-शरा और उनके विद्रोही धड़े का प्रमुख समर्थक है।
अल-कायदा से जुड़े रहे अल-शरा की तारीफों के पुल
ट्रंप ने वार्ता के बाद एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से बात करते हुए अल-शरा की तारीफ की और कहा, ‘वह एक युवा और आकर्षक व्यक्ति हैं। सख्त व्यक्ति हैं। उनका बहुत मजबूत अतीत रहा है। वह फाइटर हैं। वह वास्तविक नेता हैं। उन्होंने जिम्मा उठाया है और वह बहुत अद्भुत हैं।’ मुलाकात इसलिए भी उल्लेखनीय है, क्योंकि अल-शरा, अबू मोहम्मद अल-गोलानी के नाम से आतंकी संगठन अल-कायदा से जुड़े थे। सीरियाई युद्ध में हिस्सा लेने से पहले वह इराक में अमेरिकी बलों से लड़ने वाले विद्रोहियों में शामिल थे। अमेरिकी बलों ने उन्हें कई वर्ष तक वहां कैद रखा था। अमेरिका ने सीरिया को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश बताते हुए 1979 में उस पर प्रतिबंध लगा दिया था। वर्ष 2011 में शुरू हुए विनाशकारी गृहयुद्ध से पहले भी सीरिया एक कठोर नियंत्रित समाजवादी अर्थव्यवस्था के तहत संघर्ष कर रहा था।