Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

तय समय से 2 महीने पहले खुला दुनिया का सबसे ऊंचा दर्रा

लद्दाख में एलएसी के पास महत्वपूर्ण सड़क संपर्क प्रदान करता है उमलिंग ला
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

विजय मोहन/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 19 अप्रैल

Advertisement

दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल दर्रे उमलिंग ला को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बर्फ हटाने के अभियान के बाद तय समय से करीब दो महीने पहले वाहनों के लिए फिर से खोल दिया गया है। दक्षिण-पूर्वी लद्दाख में 19,024 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा डेमचोक और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आस-पास के क्षेत्रों को महत्वपूर्ण सड़क संपर्क प्रदान करता है। यह एक संवेदनशील क्षेत्र है, जहां अक्सर चीनी सैन्य गतिविधियां होती रहती हैं। यह दर्रा रोमांच के शौकीनों और बाइकर्स के लिए भी तेजी से लोकप्रिय गंतव्य बन रहा है। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के अन्य ऊंचे दर्रों की तरह उमलिंग ला भी भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों के महीनों में बंद रहता है। गर्मियों की शुरुआत में बीआरओ द्वारा इन मार्गों को फिर से खोल दिया जाता है, लेकिन कुछ हिस्सों में गर्मियों के महीनों में भी बर्फबारी की आशंका बनी रहती है। इस महीने की शुरुआत में, बीआरओ ने राष्ट्रीय राजमार्ग-1 के साथ कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने वाले जोजी ला दर्रे को रिकॉर्ड समय में खोल दिया था। सर्दियों के मौसम में यह सिर्फ 32 दिनों के लिए वाहनों के आवागमन के लिए बंद रहा।

बीआरओ द्वारा मनाली-लेह राजमार्ग पर भी बर्फ हटाने का काम चल रहा है, जो लद्दाख को वैकल्पिक सड़क संपर्क प्रदान करता है और इस पर दुनिया के सबसे ऊंचे एवं सबसे कठिन मोटरेबल दर्रे जैसे बारालाचा ला, तंगांग ला, नकी ला और लाचुलुंग ला स्थित हैं।

चूंकि सर्दियों के दौरान लद्दाख की सड़कें दुर्गम रहती हैं, इसलिए उत्तरी क्षेत्र में रसद सहायता, महत्वपूर्ण आपूर्ति और सैन्य रोटेशन सहित अग्रिम चौकियों का भरण-पोषण पूरी तरह से भारतीय वायु सेना और आर्मी एविएशन कोर पर निर्भर रहता है। सड़कें बंद होने से क्षेत्र के स्थानीय लोगों पर भी असर पड़ता है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा

रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत बीआरओ देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों, पुलों और सुरंगों के निर्माण एवं रखरखाव का काम संभालता है। हालांकि, इसका अधिकांश काम उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में हिमालयी सीमा पर है, लेकिन इसकी मौजूदगी अन्य सीमावर्ती राज्यों में भी है और इसने कुछ मित्र देशों में भी परियोजनाएं शुरू की हैं। हाल ही में केंद्र ने पर्यटकों को लद्दाख और उत्तर-पूर्व के कुछ संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी है, जहां अब तक पहुंच प्रतिबंधित थी। बीआरओ ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक वेबसाइट भी शुरू की है।

Advertisement
×