स्वर्ण मंदिर में फिर फलेगा-फूलेगा इमली का बूटा
अमृतसर (चरणजीत सिंह तेजा) : स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के सामने उस जगह पर इमली का एक नया बूटा लगाया गया है, जहां 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान इमली का एक ऐतिहासिक पेड़ नष्ट हो गया था। सदियाें से सिख इतिहास के मूक साक्षी रहे उस वृक्ष की जगह नया पेड़ लगाने का ऐसा ही एक प्रयास साल 2000 के अासपास भी किया गया था, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद वह पौधा 2023 की सर्दियों में सूख गया था। अब करीब दो महीने पहले पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने उस जगह पर एक नया पौधा लगाया है। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. करणबीर सिंह ने बताया कि नये पौधे के लिए छह फुट गहरा और चौड़ा गड्ढा साफ करके उसमें नयी मिट्टी भरी गयी है और ठंड झेलने वाली किस्म का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि एक साल तक पौधे की निगरानी की जाएगी। फिलहाल, कोई खास जोखिम कारक नहीं दिख रहा है। सिख इतिहासकार जगदीप सिंह फरीदकोट के अनुसार, सिख गुरुओं के समय में, यह क्षेत्र प्राकृतिक वनस्पतियों से आच्छादित था, जिसमें इमली का पेड़ भी शामिल था। ऐसा माना जाता है कि यह पेड़ गुरु हरगोबिंद साहिब द्वारा अकाल तख्त की स्थापना का गवाह था। फोटो-विशाल कुमार