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बर्फ के पहाड़ ने कहर बरपाया

देहरादून, 28 फरवरी (एस/ एजेंसी) उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के बीच चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास सीमांत माणा गांव में शुक्रवार सुबह हिमस्खलन होने से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 57 मजदूर फंस गये। प्रदेश...
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उत्तराखंड के चमोली इलाके में हिमस्खलन में फंसे लोगों के बचाव कार्य में जुटे कर्मी (बाएं) और कुल्लू में भूस्खलन के कारण दबे कई वाहन। - प्रेट्र
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देहरादून, 28 फरवरी (एस/ एजेंसी)

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के बीच चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास सीमांत माणा गांव में शुक्रवार सुबह हिमस्खलन होने से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 57 मजदूर फंस गये। प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, शाम पांच बजे तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि शेष 25 को निकालने की कार्रवाई चल रही थी।

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हादसा सुबह करीब सवा सात बजे हुआ। बीआरओ कैंप के मजदूर इसकी चपेट में आ गये। पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियाें ने बचाव और राहत कार्य चलाया। खराब मौसम और लगातार बर्फबारी के कारण इसमें मुश्किलें आयीं।

बद्रीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है, जो 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हादसा स्थल हिमस्खलन की दृष्टि से शीतकाल में खतरनाक माना जाता रहा है, इसलिए पूर्व में इस कैंप से लोगों को हटाकर बद्रीनाथ में रखा जाता था। माणा के गांव प्रधान पिताम्बर सिंह ने बताया कि इस बार बर्फ नही गिरने से कैंप बंद नहीं किया गया था। बद्रीनाथ धाम, नर और नारायण पर्वत की तलहटी पर बसा है, जिसके बीचोंबीच अलकनंदा नदी प्रवाहित होती है। हादसा नर पर्वत से आये हिमस्खलन के कारण हुआ।

एक दिन पहले जारी किया गया था येलो अलर्ट

रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) ने बृहस्पतिवार शाम पांच बजे चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में 2,400 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर 24 घंटे की अवधि के लिए हिमस्खलन का 'येलो अलर्ट' जारी किया था। यह आंशिक रूप से असुरक्षित स्थिति की चेतावनी होती है, जिसमें घाटी में सावधानीपूर्वक आवाजाही और ढलानों पर आवाजाही से बचने की सलाह दी जाती है।

कुल्लू में बादल फटा

शिमला/चंबा (हप्र/निस) : हिमाचल में पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी से आधा प्रदेश ‘सफेद आफत’ की चपेट में है। चार दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश और बर्फबारी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चंबा जिले में हिमस्खलन से तीन लोगों की मौत हो गई। कुल्लू जिले के पहनाला की ऊंची पहाड़ियों पर बादल फटने से दर्जनों वाहन मलबे में फंस गये। चार जिलों लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा में सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 583 अन्य सड़के बंद हो गई हैं। लाहौल स्पीति और किन्नौर में लगभग सभी सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 350 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। इसके चलते कई इलाकों में ब्लैक आउट है। मनाली में एक फुट, लाहौल स्पीति में 4 फुट और रोहतांग दर्रा में 6 फुट से अधिक ताजा हिमपात हुआ है।

हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में

बारिश से गिरा तापमान

चंडीगढ़ : हरियाणा, पंजाब के कई इलाकों और दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी शुक्रवार देर रात तक रुक-रुक कर बारिश हुई। कुछ इलाकों में बारिश, ओलावृष्िट एवं तेज हवाओं से फसल के नुकसान की भी खबरें हैं। मौसम के इस बदले अंदाज के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गयी।

कश्मीर में भी सफेद चादर

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर सरकार ने खराब मौसम के मद्देनजर स्कूलों में छह दिन छुट्टी कर दी है। कश्मीर में हिमपात के कारण रेल, हवाई और सड़क संपर्क प्रभावित हुआ। बारिश ने जम्मू-कश्मीर में वर्षा की कमी को 80 प्रतिशत से घटाकर 42 प्रतिशत कर दिया है।

नेपाली विदेश मंत्री के विमान की आपात लैंडिंग

काठमांडू : नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को लेकर काठमांडू आने वाली कतर एयरवेज की उड़ान शुक्रवार को खराब मौसम के कारण कोलकाता में आपात लैंडिंग की गयी। उधर, नेपाल में काठमांडू के निकट शुक्रवार तड़के शक्तिशाली भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 मापी गई। भूकंप से कई घरों में दरारें पड़ गयीं और अनेक लोग घायल हो गए।

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