सुरेश एस डुग्गर/ हप्र
जम्मू, 27 फरवरी
कांग्रेस में एक बार फिर असंतोष के स्वर उठे हैं। कांग्रेस में संगठन चुनाव कराने और नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग करते हुए पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को जम्मू में मंच साझा करते हुए कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है। कांग्रेस के ‘जी-23’ कहलाने वाले नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर भी चिंता प्रकट की।
शांति सम्मेलन नाम से आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर होता देख रहे हैं। यही वजह है कि आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमारा उद्देश्य एक साथ होकर पार्टी को मजबूत करना है। गुलाम नबी आजाद के अनुभव और भूमिका पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें उस इंजीनियर के रूप में जाना जाता है जो विमान उड़ाने के साथ ही खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में साथ देता है। सिब्बल ने कहा कि आजाद ऐसे नेता हैं, जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की जमीनी हकीकत जानते हैं। उन्हाेंने आजाद को दोबारा राज्यसभा न भेजे जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस उनके अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही।
गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायरमेंट के कुछ दिनों बाद आयोजित सभा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा भी शामिल हुए। आजाद ने कहा, मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं। उन्होंने कहा कि जम्मू हो, कश्मीर हो या लद्दाख, हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का एक ही तरह से सम्मान करते हैं। यही हमारी ताकत है और इसे हमेशा ऐसे ही जारी रखा जाएगा। आजाद ने कहा कि राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए संसद के अंदर, बाहर लड़ाई जारी रहेगी।
उधर, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टी में इन नेताओं का बहुत सम्मान है। अभी इन्हें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूत करने के प्रयास करने चाहिये।
हम खिड़की से नहीं आये : शर्मा
वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पिछले एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हमारी आवाज पार्टी के उज्ज्वल सियासी भविष्य के लिए है। नयी पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमने पार्टी के अच्छे दिन देखे हैं, उम्र के इस पड़ाव पर हम इसे कमजोर होते हुए नहीं देखना चाहते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हमारे बीच कोई भी खिड़की से नहीं आया, हम सभी दरवाजे से चले हैं। हम छात्रों और युवा आंदोलन के माध्यम से यहां तक आये हैं।
यह गांधी-23 : राज बब्बर
राज बब्बर ने कहा, लोग कहते हैं जी-23 पर मेरा मानना है कि यह गांधी-23 है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।