सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 18 जून
आतंकियों ने पुलवामा जिले के पंपोर इलाके में पुलिस सब इंस्पेक्टर की गोलियों मारकर हत्या कर दी। उनका शव गोलियों से छलनी मिला है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। सब-इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर पर हमला शुक्रवार देर शाम को पंपोर इलाके के संबूरा में हुआ। फारूक अहमद मीर का शव उनके घर के पास धान के खेतों में मिला। बताया जाता है कि आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया था।
घटनास्थल से पुलिस ने पिस्तौल के दो खाली खोल भी बरामद किए हैं। आतंकियों ने पुलिस सब इंस्पेक्टर के दिल के पास दो गोलियां मारी हैं। मृतक सब इंस्पेक्टर की पहचान फारूक अहमद मीर (50) पुत्र अब्दुल गनी मीर के तौर पर हुई है। वह सीटीसी लेथपोरा में आइआरपी 23वीं बटालियन में कार्यरत था। पुलिस हत्यारों को ढूंढने का प्रयास कर रही है। सब इंस्पेक्टर के परिवार में उनके पिता, पत्नी और तीन बच्चे हैं।
जानकारी के अनुसार फारूक शुक्रवार शाम 8 बजे के करीब घर से खेतों में जाने के लिए निकला था। जब देर रात तक भी फारूक वापस नहीं आया तो परेशान घरवाले स्थानीय लोगों की मदद से उसे ढूंढने के लिए निकल पड़े। जब वे खेत में पहुंचे तो उन्होंने फारूक का शव खेतों में पड़ा देखा। पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर पहुंची टीम ने जांच की तो पता चला कि उसकी हत्या हुई है। उसकी छाती पर गोलियों के निशान थे। एक गोली उसके दिल के पास मारी गई थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए जब खेतों की जांच की तो उन्हें वहां तो उन्हें गोली के दो खाली खोल भी मिले।
दूसरी ओर आतंकियों ने सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों को निशाना बनाने के इरादे से हंदवाड़ा-बारामूला हाईवे पर आईईडी लगाई परंतु हर बार की तरह इस बार भी सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते न सिर्फ आईईडी का पता लगा लिया बल्कि उसे समय पर निष्क्रिय कर कई मासूम लोगों की जान भी बचा ली।
पुलिस ने बताया कि आतंकियों ने हंदवाड़ा-बारामुल्ला हाईवे पर आईईडी लगाई थी। इस हाईवे पर सुरक्षाबलों के अलावा आम लोगों का आना-जाना भी अधिक रहता है। सुरक्षाबलों का दल जब सुबह हाईवे की जांच कर रहा था तभी उन्हें एक जगह संदिग्ध वस्तु दिखी। आईईडी निष्क्रिय होने के बाद हंदवाड़ा-बारामल्ुला हाईवे पर वाहनों की आवाजाही को फिर से सुचारू कर दिया गया है।