नयी दिल्ली, 22 अगस्त (एजेंसी)
वियतनाम ने चीन की गतिविधियों के चलते दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बारे में भारत को अवगत कराया है। अनेक देशों के संयम बरतने के आह्वान की परवाह किए बिना चीन संसाधनों से भरपूर दक्षिण चीन सागर में बड़ी संख्या में पोतों और लड़ाकू विमानों की तैनाती कर अपनी सैन्य मौजूदगी मजबूत कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि यह मुद्दा शुक्रवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से वियतनाम के राजदूत फाम सान्ह चाउ की मुलाकात के दौरान उठा। वियतनाम के राजदूत ने भारत की तेल खोज परियोजनाओं की मौजूदगी वाले वियतनामी जलक्षेत्र के इर्द-गिर्द सहित दक्षिण चीन सागर में वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। वहां चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधि तब हो रही है जब उसकी और भारत की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में तीन महीने से अधिक समय से तनातनी चल रही है। विदेश मंत्रालय अथवा वियतनाम दूतावास की ओर से हालांकि, बैठक का कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। बैठक के बाद, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘विदेश सचिव हर्षवर्धन ने वियतनाम के सान्ह चाउ फाम से मुलाकात की जिसके साथ भारत के मजबूत संबंध और समग्र रणनीतिक भागीदारी है।’ चीन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है हालांकि, वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई सहित कई आसियान देश भी क्षेत्र पर अपना जवाबी दावा करते हैं।
भारत के लिए भी अहम है क्षेत्र : भारत दक्षिण चीन सागर में अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता और संसाधनों तक पहुंच का समर्थन करता रहा है। दक्षिण चीन सागर भारत के लिए भी बेहद महत्वूपर्ण है क्योंकि देश का 55 प्रतिशत व्यापार इसी क्षेत्र से होकर गुजरता है।