Farmers : सुरजेवाला ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा - किसान-मजदूर-आढ़ती त्राहिमाम और सरकार सत्ता के नशे में निफराम
ललित शर्मा/कैथल, 20 अप्रैल (हमारे प्रतिनिधि)
Farmers : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला व कैथल के विधायक आदित्य सुरजेवाला ने आज कैथल नई अनाजमंडी व अतिरिक्त अनाज मंडी का दौरा कर मजदूर भाईयों तथा किसान व आढ़ती साथियों की समस्याएं जानीं।
रणदीप सुरजेवाला व आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी पर हमला बोलते हुए कहा कि खेत में आग से ‘‘पीला सोना’’ - गेहूं जल रही है, तो मंडियों में बारिश की मार व भाजपा सरकार के कुप्रबंधन से गेहूं सड़ रही है, खराब हो रही है। नायब सैनी सरकार की बदइंतजामी के चलते हरियाणा की मंडियों में न गेहूं की फसल का उठान हो रहा और न ही किसान का भुगतान हो रहा। मजदूर मजदूरी के लिए तरस रहे हैं और आढ़ती बारदाने (भराई के लिए खाली कट्टे) से लेकर उठान से परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, कैथल - लगभग सभी अनाजमंडियों में सरकारी निकम्मेपन की यही हालत है। आज कैथल की पुरानी और नई अनाज मंडी के हालात देखे। गेहूं के पहाड़ बने पड़े हैं पर कोई उठान नहीं। न भराई के लिए कट्टे हैं और न ही फसल उठाने का कोई इंतजाम। खुले में पड़ी फसल पर खराब मौसम का प्रकोप जारी है और किसान की फसल को यह कहकर नहीं खरीदा जाता कि नमी की मात्रा अधिक है।
सरकार का पूरा तंत्र फेल हो चुका है और जिम्मेवारी आढ़ती की बताकर उनके लाईसेंस सस्पेंड किए जा रहे हैं। पेहवा और गुहला-चीका में तो हजारों एकड़ खड़ी फसल, तुड़ी के कूप, मकान व मवेशी जलकर राख हो गए, मुख्यमंत्री ऊपर से हैलीकॉप्टर से निकल गए, पर न सरकार का कोई नुमाईंदा आया और न ही कोई नेता। एक फूटी कौड़ी मुआवज़ा देना तो दूर, कोई किसान के आंसू पोंछने भी नहीं आया।
सुरजेवाला ने कहा कि मंडी के मजदूरों के हालात तो और खराब हैं। उन्होंने मुझे साफ तौर से कहा कि कांग्रेस सरकार में हर रोज 90,000 बोरी तक का उठान होता था और मजदूरों को पूरी मजदूरी मिलती थी। पर आज आलम यह है कि 4-5 दिन तक उठान की बारी ही नहीं आती, तो मजदूर को भरपेट रोटी खाने की भी मजदूरी कहां से मिलेगी? जब तक गेहूं का उठान होकर पूरी गेहूं गोदाम तक नहीं पहुंच जाती, सरकार के मापदंडों के मुताबिक उसका भुगतान नहीं होता।
ऐसे में जब अगले एक से दो महीने तक गेहूं उठान का कोई अंदेशा ही नहीं, तो किसान का भुगतान कैसे होगा, मजदूर को मजदूरी कैसे मिलेगी और आढ़ती को आढ़त कैसे मिलेगी? ऐसा लगता है कि नायब सैनी सरकार अपनी जिम्मेवारी से पीछा छुड़ाकर कहीं जंगल में भाग गई है और अफसरशाही का एकतरफा शासन चल रहा है। गेहूं रूपी पीला सोना या तो जल रहा है या सड़ रहा है। किसान-मजदूर-आढ़ती त्राहिमाम हैं और सरकार सत्ता के नशे में निफराम है।
रणदीप सुरजेवाला व आदित्य सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मांग करते हुए कहा किः-
1. भाजपा सरकार सभी मंडियों में फौरन बारदाने (भराई के लिए खाली कट्टों) का 24 घंटे में इंतजाम करे तथा आसमान में खुली पड़ी गेहूं की कट्टों में फौरन भराई हो।
2. गेहूं का उठान न कर रहे ठेकेदारों व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। जितनी गाड़ियों का भुगतान गेहूं लिफ्टिंग के टेंडर में हो रहा है,यह सुनिश्चित हो कि मौके पर वो गाड़ियाँ उपलब्ध हों।
सरकार फौरन आढ़तियों व किसानों को यह इख्तियार दे कि वो ट्रैक्टर ट्रॉली से गेहूं का उठान करवा सकें, ताकि मंडियों में जो जाम की स्थिति है, उससे किसान और आढ़ती उबर पाएं।
3. मंडी मजदूरों की मजदूरी फौरन मिले।
4. जिस किसान की फसल तुल चुकी है व खरीदी जा चुकी है, उसका फौरन भुगतान हो, उसे फसल के उठान के बार फसल को एजेंसियों के गोदाम तक गेहूं पहुँचने का इंतजार न करना पड़े।
5. सरकार मौसम की मार को देखते हुए 2% तक नमी खरीद में छूट दे। यानी मौजूदा 12% से बढ़ाकर, नमी की मात्रा 14%-15% की जाए।
6. मंडी के आढ़ती साथियों को अगली चिंता यह सता रही है कि अब ‘घटती’ की मार उनके सिर पड़ने वाली है। सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसी भी आढ़ती साथी से ‘घटती’ की वसूली न हो।
7. उठान की कमी की वजह से तथा फसल डालने की जगह के अभाव के चलते, किसान व आढ़तियों ने मंडी के चारों तरफ खुले में फसल डाल रखी है। कोई और चारा भी नहीं है। पर सरकार के लोग वसूली करने की मंशा से आढ़तियों का लाईसेंस सस्पेंड या कैंसल कर रहे हैं। इससे किसान और आढ़तियों, दोनों का ही नुकसान है। ये सारे लाईसेंस भी बगैर शर्त फौरन बहाल किए जाएं।
8. पूरे हरियाणा में समेत गुहला-चीका व पहवा के, जहाँ-जहाँ आग लगने से खड़ी फसल, तुड़ी के कूप, मकान व मवेशियों का नुकसान हुआ है, भाजपा सरकार कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ का मुआवजा दे तथा मवेशियों की एवज में ₹2,00,000 प्रति मवेशी का मुआवजा दे। इसी तरह मकान के नुकसान का आकलन कर पूरा मुआवजा दिया जाए।
हमारी मांग है कि नायब सैनी सरकार अहंकार के सिंहासन से जमीन पर उतरे और किसानों-मजदूरों-आढ़तियों की फसल खरीद में सहयोगी बने, न कि शोषण करने वाले क्रूर शासक। यही राजधर्म है। इस अवसर पर सुदीप सुरजेवाला, मंडी एसोसिएशन जिला प्रधान अश्विनी शोरेवाला, नगर परिषद पूर्व चेयरमैन रामनिवास मित्तल, पूर्व प्रधान सुरेश गर्ग चौधरी, जयकिशन मान, श्रवण गोयल, सतीश जैन, देशराज नरड़, पूर्व प्रधान सतीश जैन, इंद्र मान, रामफल शर्मा, नरेश गोयल, ओमप्रकाश शर्मा, रामबिलास, राजपाल चहल, सुभाष चंद, मोहन लाल खुरानिया, अतिरिक्त मंडी पूर्व प्रधान सोहन ढुल, अतिरिक्त मंडी प्रधान रघुबीर मलिक, रामफल मलिक, सत्यवान मलिक, जगदीश राय, सत्यवान सिसमोर, मुनीश सिक्का, मुल्तान कैंदल, राजू बुढ़ाखेड़ा, सुरजीत बैनीवाल, सुरजीत श्योराण, जोनी मित्तल सहित अन्य व्यापारी साथी मौजूद रहे।