सीवर के पानी को ट्रीट कर 140 करोड़ में बेचता है सूरत नगर निगम
सूरत, लखनऊ, पुणे व इंदौर नगर निगम का नाम अब सर्वोत्तम शहरी निकायों की सूची में शामिल है। मानेसर में आयोजित प्रथम शहरी निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में इन निकायों के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अन्य राज्यों के साथ सर्वोत्तम अभ्यास (बेस्ट प्रेक्टिस) साझा किए। इसमें सूरत ने सीवर का पानी ट्रीट करके 140 कराेड़ रुपये बेचने व महज एक क्लिक में कंस्ट्रक्शन वेस्ट को वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट तक भेजने की अपनी सक्सेस स्टोरी बताई तो वहीं लखनऊ ने डीजल पेट्रोल की जगह कूड़ा एकत्रित करने के लिए ई-व्हीकल का उपयोग, विस्तृत क्षमता के कूड़ा निस्तारण प्लांट, डंपिंग प्वाॅइंट को राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल में परिवर्तित करने जैसी पहल साझा की। पुणे ने वेस्ट मैनेजमेंट कलेक्शन, वार्ड वाइज लगाए बायोगैस सेंटर से इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन, इंदौर ने कूड़ा कलेक्शन गाड़ियों के जीपीएस सिस्टम, सफाई मित्र और स्वच्छता में जनभागीदारी के उदाहरण साझा किए।
- प्रस्तुति : विवेक बंसल
सूरत निगम : महज एक क्लिक से कंस्ट्रक्शन वेस्ट का मैनेजमेंट
सूरत नगर निगम गटर से निकले पानी को ट्रीट करके 140 करोड़ रुपये में वहां लगे उद्योगों को बेच रहा है। निगम कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने कहा कि गंदा पानी सीवरेज के माध्यम से ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचता है। 115 एमएलडी क्षमता के 3 ट्रीटमेंट प्लांट इस पानी को ट्रीट करते हैं और इस शहर के उद्योगों को भेजा जाता है। इससे करीब 140 करोड़ के रिवेन्यू का लाभ मिलता है। ट्रीटेड पानी को न केवल उद्योगों बल्कि कंस्ट्रक्शन के कार्य में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस पानी को टैंकर के माध्यम से कंस्ट्रक्शन साइट तक भेजा जाता है। शालिनी अग्रवाल ने बताया कि अभी शहर के 33 प्रतिशत गंदे पानी को ट्रीट किया जा रहा है। 2030 में 70 प्रतिशत और 2035 तक 100 प्रतिशत गंदे पानी को ट्रीट करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 450 करोड़ रुपये का रिवेन्यू प्राप्त होगा। शालिनी ने बताया कि शहर में इंटिग्रेटिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया है। एक क्लिक से कोई भी कंस्ट्रक्शन वेस्ट को वेस्ट प्रोसेसिंग प्लॉट तक भेज सकता है। जैसे ही कोई ऑनलाइन रिक्वेस्ट डालेगा यूनिट से कंस्ट्रक्शन वेस्ट उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 5वें नेशनल वॉटर डे पर सूरत निगम को सम्मानित भी किया जा चुका है।
इंदौर : अब डिजिटल सिटी बनने की ओर अग्रसर
इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने सम्मेलन में कहा कि 85 वार्डों के शहर इंदौर में हर व्यक्ति सफाई के प्रति जागरूक है। शहर की पूरी सफाई की जिम्मेदारी का दायित्व सफाई मित्र बखूबी रूप से निभा रहे हैं। हर दिन सुबह 6 बजे से सफाई मित्र अपने दायित्व को निर्वहन करने में लग जाते हैं। स्थानीय प्रशासन स्वच्छता कार्य की मॉनिटरिंग भी करता है। हर गाड़ी में जीपीएस सिस्टम लगा है। कोई भी कचरा गाड़ी 10 मिनट भी लेट होने पर संबंधित ड्राइवर से जवाब-तलब किया जाता है। प्रशासन की सख्ती से एक वर्ष में नियमों की अवहेलना करने वालों पर डेढ़ करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने कहा कि अब इंदौर शहर क्लीन सिटी के साथ-साथ ग्रीन और डिजिटल सिटी बनने की ओर अग्रसर है। इंदौर शहर के नाम 1 दिन में 12 लाख 40 हजार पौधे रोपित करने का रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज है और यह सभी पौधे आज भी हरे-भरे हैं और शहर के पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। शहर के डिजिटलाइजेशन के लिए यूनिक आईडी नंबर और क्यू आर कोड घरों पर लगाए जा रहे है, आमजन क्यू आर कोड स्कैन कर जानकारी प्राप्त कर सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। शहर में जाम की स्थिति से निपटने के लिए वालंटियर लोगों को जागरूकता का संदेश दे रहे हैं।
पुणे : 20 सालों से बने कूड़े के पहाड़ को निस्तारित किया
पुणे में 2007 से अपनाई जा रही वेस्ट मैनेजमेंट रणनीति से स्थानीय लोगों की रोजमर्रा जिंदगी में लाभदायक परिणाम देखने को मिल रहे है। पुणे निगम की कमिश्नर पुनीत राज और वार्ड पार्षदों ने यहां के वेस्ट मैनेजमेंट कलेक्शन और वार्ड वाइज लगाए गए बायोगैस सेंटर से इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन के उदाहरण मंच पर रखे। वार्ड सभा में जरूरी संशोधन के बाद स्लम को घर में तब्दील करने के सफल उदाहरण गिनवाएं। इसी तरह लाइट हाउस मॉडल पीपीपी के जरिए सफल बनाने की इबारत भी इस मंच पर साझा की। सतत विकास का अनोखा उदाहरण पेश करते हुए पुणे में शुरू की गई ट्री-एम्बुलेंस और कॉल सेंटर के अलावा स्मार्ट वाटर मीटर और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कॉपरेटिव के तहत अपनाई स्वच्छ पहल सभी के साथ साझा की। इसी तरह 26 ट्रिपल आर सेंटर बनाए गए हैं। यहां अनुपयोगी वस्तुओं को जरूरतमंद लोगों के लिए रखा जाता है। सिबरी और गहला नामक स्थान पर बीते 20 सालों में एकत्रित कूड़े के पहाड़ को मात्र 2 साल में जनभागीदारी जागरूकता और कूड़ा निस्तारण की सही कार्यशैली से निस्तारित किया गया है। कूड़ा डंपिंग प्वाइंट को टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने का प्रयास राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के रूप में उभरा है। यहां राष्ट्रीय जनप्रतिनिधियों की मूर्तियां लगाई गई है। उन्होंने बताया कि निगम और प्रशासनिक सहयोग से शहर की सूरत बदली है।
लखनऊ : जन भागीदारी व जागरुकता से देशभर में अव्वल बना नगर निगम
लखनऊ निगम की महापौर सुषमा खरकवाल ने बताया कि 50 लाख की आबादी के बावजूद लखनऊ जीरो वेस्ट शहर बनकर उभरा है। यहां मियावाकी तकनीक से सिटी फॉरेस्ट बनाए गए हैं। सड़कों की सफाई के लिए मैकेनिकल स्वीपर उतारे गए। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मैंगों म्यूजियम पार्क जैसे नेचर ट्रेल विकसित किए जा रहे है। कुरेत नदी के किनारे 20 हजार से अधिक पेड़ लगाकर एक पेड़ मां के नाम राष्ट्रीय मुहिम में योगदान दिया गया है।