नयी दिल्ली, 10 फरवरी (एजेंसी)
सुप्रीमकोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह हिजाब विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट से लंबित मामला अपने यहां स्थानांतरित करने संबंधी याचिका सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर विचार करेगा। चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस ए. एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट मामले पर सुनवाई कर रहा है और उसे इस पर सुनवाई करके फैसला करने लेने देना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने और इसकी सुनवाई 9 न्यायाधीशों की पीठ से कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘दिक्कत यह है कि स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लड़कियों पर पथराव हो रहा है। यह विवाद पूरे देश में फैल रहा है।’ सिब्बल ने कहा कि वह मामले पर कोई आदेश नहीं चाहते, केवल यह चाहते हैं कि सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध किया जाए। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा, ‘हम इस पर गौर करेंगे।’ इससे पहले, सिब्बल ने कहा था कि हिजाब को लेकर विवाद कर्नाटक में हो रहा था और अब यह पूरे देश में फैल रहा है। इसमें अब पूरे देश के बच्चे शामिल हो रहे हैं, जब परीक्षाओं को बस दो महीने रह गए हैं। इसके बाद पीठ ने कहा, ‘कृपया रुकें। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। हाईकोर्ट को फैसला करने दें। हम तुरंत मामले पर हस्तक्षेप क्यों करें। हाईकोर्ट मामले पर सुनवाई कर सकता है। मिली जानकारी के अनुसार, आज 3 न्यायाधीशों की पीठ मामले पर सुनवाई करेगी।’ पीठ ने कहा कि ‘‘हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी” और यह देखने के लिए कि क्या कुछ अंतरिम राहत दी जाती है या नहीं, हाईकोर्ट को कुछ समय दिया जाए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ हम देखते हैं कि क्या होता है। समस्या यह है कि अगर हम मामले को सूचीबद्ध कर देंगे, तो हाईकोर्ट मामले पर सुनवाई ही नहीं कर पाएगा। हम इसके गुण-दोष पर बात नहीं कर रहे हैं। कम से कम हमें एक दिन का समय दें।”
कर्नाटक हाईकोर्टके मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने मामले पर गौर करने के लिए बुधवार को एक पूर्ण पीठ का गठन किया था। जस्टिस अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी इस पीठ का हिस्सा हैं। राज्य के उडुपी जिले के सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाली कुछ मुस्लिम छात्राओं ने उनके हिजाब पहनकर कक्षाएं लेने से रोकने के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं। राज्य सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी उच्च विद्यालयों और कॉलेज को तीन दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया था।