नयी दिल्ली, 9 नवंबर (एजेंसी)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में मंगलवार को वरिष्ठ मूर्तिकार सुदर्शन साहू और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व अन्य को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। ओडिशा के साहू को कला के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म विभूषण और कर्नाटक के वरिष्ठ डॉक्टर एवं शिक्षाविद बी. मोनप्पा हेगड़े और पुरातत्व के क्षेत्र में जाने माने नाम बीबी लाल को भी पद्म विभूषण दिया गया है। सुमित्रा महाजन को जनसेवा में उल्लेखनीय योगदान और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा को लोक सेवा में योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाज़ा गया है। महाजन भारत की ऐसी पहली महिला हैं जो आठ बार सांसद रही हैं। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को (मरणोपरांत पद्म भूषण) से सम्मानित किया गया है। उनके परिवार के सदस्यों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद रहे।
शिंजो आबे सहित 7 रहे अनुपस्थित : जिन 60 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, उनमें से 7 व्यक्ति राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में मौजूद नहीं थे। इनमें जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और ब्रिटेन के जाने माने थिएटर एवं फिल्म निर्देशक पीटर ब्रूक भी शामिल हैं। जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे आबे को इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी, जबकि ब्रूक को पद्मश्री देने का ऐलान किया गया था।
पद्मश्री पुरस्कार : असम के सामाजिक कार्यकर्ता लखीमी बरुआ, हरियाणा के कुरुक्षेत्र के हिंदी साहित्यकार प्रोफेसर जय भगवान गोयल, राजस्थान के मांगनियार लोक गायक लाखा खान, प्रशंसित कर्नाटक गायिका बॉम्बे जयश्री रामनाथ, देहरादून के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन भूपेंद्र कुमार सिंह संजय और श्रीनगर के प्रसिद्ध हिंदी प्रोफेसर और पत्रकार चमन लाल सप्रू को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। इनके अलावा राजस्थान के पाली लेखक अर्जुन सिंह शेखावत, संस्कृत व्याकरण के विशेषज्ञ रामयत्न शुक्ला, दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह शंटी, स्टीपलचेज एथलीट सुधा सिंह, बिहार की वरिष्ठ हिंदी लेखिका मृदुला सिन्हा (मरणोपरांत), कोयंबटूर के ‘गियर मैन’ पी सुब्रमण्यम (मरणोपरांत), पश्चिम बंगाल की सामाजिक कार्यकर्ता गुरु मां कमली सोरेन और भोपाल के आदिवासी लोक संस्कृति के विद्वान कपिल तिवारी को भी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत के प्रमुख ड्वॉर्फ पैरा एथलीट के वाई वेंकटेश और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल काज़ी सज्जाद अली ज़हीर को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया।