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SIR Row: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर NDA में खलबली, नितिश के MP ने टाइमिंग को लेकर उठाए सवाल

SIR Row: कहा- लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची सही तो विधानसभा चुनाव के लिए गलत कैसे
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गिरिधारी यादव। फोटो स्रोत एक्स अकाउंट @GiridhariYadav_
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SIR Row: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर ही असहमति के सुर उभरने लगे हैं। एनडीए के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ सांसद गिरिधारी यादव ने चुनाव आयोग की मंशा और निर्णय प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बिहार में मतदाता सूची को लेकर जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान का बुधवार को विरोध किया और कहा कि इससे पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल उठेंगे।

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यादव ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि निर्वाचन आयोग को SIR को कम से कम छह महीने तक करना चाहिए ताकि पात्र मतदाताओं को आवश्यक प्रमाण दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और उन लोगों का नाम हटाया जा सके जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि SIR अभियान ने लोगों खासकर गरीबों को ‘‘थका दिया है और परेशान कर दिया है'' और ऐसे लगता है कि मानो वे किसी चिकित्सीय आपात स्थिति में हों। यादव ने कहा, ‘‘लोग अभी धान की खेती में व्यस्त हैं। अब उन्हें सभी प्रकार के दस्तावेज़ ढूंढ़ने होंगे और अधिकारियों के पास जमा करने होंगे। उन्हें बहुत परेशानी हो रही है। चुनाव आयोग को SIR के लिए कम से कम छह महीने का समय देना चाहिए और यह प्रक्रिया गर्मियों में करानी चाहिए।''

उन्होंने सवाल किया कि अगर मतदाता सूची लोकसभा चुनाव के लिए सही थी, तो कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यह गलत कैसे हो सकती है? बांका से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘क्या मुझे गलत मतदाता सूची के आधार पर चुना गया है? इससे पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठेंगे।''

उन्होंने कहा कि इस ‘‘जल्दबाज़ी'' वाली प्रक्रिया के कारण बिहार से बाहर रहने वाले लाखों प्रवासी अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। SIR को अपनी पार्टी के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि वह एक लोकसभा सदस्य के रूप में अपनी स्वतंत्र राय व्यक्त कर रहे हैं। यादव ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें दस्तावेज़ इकट्ठा करने में 10-11 दिन लगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा अमेरिका में रहता है...मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा अब बिहार में मतदाता होगा या नहीं।'' दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी, JDU ने SIR का बचाव करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य योग्य मतदाताओं की पहचान करना है ताकि संदिग्ध घुसपैठियों सहित अयोग्य मतदाता मतदान न कर सकें।

गिरिधारी यादव ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दावा किया कि पिछले 11 वर्षों में बिहार को एक भी नयी ट्रेन नहीं मिली, जबकि केंद्र में NDA की सरकार लाने में इस प्रदेश की बड़ी भूमिका है। इस पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार के लिए पांच नयी ‘अमृत भारत' रेलगाड़ियां चलाई हैं।

कांग्रेस भी हुई हमलावर

कांग्रेस ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सांसद गिरिधारी यादव की आलोचनात्मक टिप्पणी को लेकर बुधवार को इस कवायद की आलोचना की और कहा कि जब सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ही इस पर चिंता जताते हैं तो इससे ‘‘इस अभियान की खामियां उजागर होती हैं।''

मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि यह टिप्पणी ‘‘चुनावी धोखाधड़ी'' के पैमाने और गंभीरता को दर्शाती है। कांग्रेस का यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब यादव ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग राय जताते हुए बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठाया और कहा कि इससे पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के नतीजों पर सवाल उठेंगे।

यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘बिहार में संदिग्ध विशेष गहन पुनरीक्षण और अन्य राज्यों में होने वाली प्रस्तावित कवायद विपक्ष द्वारा केवल ‘राजनीतिक प्रचार' नहीं है, जैसा कि भाजपा दावा करती है। यह कांग्रेस या विपक्ष द्वारा गढ़ा गया कोई विमर्श नहीं है।'' उन्होंने ‘एक्स' पर कहा कि मतदाताओं की जायज आशंका है कि यह चुनावी नतीजों में हेरफेर करने के लिए सोची-समझी ‘‘वोटबंदी'' की कवायद है।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जब NDA के सहयोगी खुद ही चिंता जताते हैं, तो इससे इस पूरी प्रक्रिया की जड़ में छिपी सड़ांध उजागर हो जाती है। ये बयान संयोग नहीं हैं-ये इस चुनावी धोखाधड़ी के पैमाने और गंभीरता को दर्शाते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में स्वतंत्र और पारदर्शी जांच से यह पता चल जाएगा कि असल में क्या है: निर्वाचन आयोग की निगरानी में बड़े पैमाने पर वोटों की चोरी हो रही है।''

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