नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (ट्रिन्यू)पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम जल विद्युत उत्पादन, स्मार्ट मीटर और डिस्काम दक्षता को बढ़ावा देने वाला मॉडल राज्य बनेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के दो दिवसीय दौरे के दौरान राज्य में केंद्रीय बिजली परियोजनाओं के क्रियान्वयन और शहरी विकास की योजनाओं को लागू करने का रोडमैप तैयार हुआ।सिक्किम दौरे पर पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय बिजली सम्मेलन की अध्यक्षता की। मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान बिजली जरूरतों को पूरा करने में 0.1 प्रतिशत के मामूली अंतर के बावजूद, भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास जारी रखने होंगे। वर्ष 2014 से, बिजली उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है, और थर्मल, हाइड्रो, परमाणु और अक्षय ऊर्जा सहित उत्पादन के विभिन्न तरीकों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान निकालना और गैर-जीवाश्म बिजली की ओर बढ़ना जरूरी है।गंगटोक में पूर्वोत्तर के ऊर्जा मंत्रियों के साथ बिजली सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने उत्तर पूर्वी राज्यों के नागरिकों को ऊर्जा सुरक्षा और विश्वसनीय गुणवत्तापूर्ण बिजली के लिए प्रतिबद्धता जताई। वहीं 12.92 लाख घरों का विद्युतीकरण, जलविद्युत क्षमता को बढ़ाना और स्मार्ट मीटर लगाने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। क्षेत्रीय बिजली सम्मेलन में पहुंचने पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने केंद्रीय मंत्री का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।सिक्किम में शहरी विकास की योजनाओं की समीक्षाकेंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने गंगटोक स्थित सम्मान भवन में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और शहरी विकास मंत्री भोज राज राय तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आवास एवं शहरी विकास की योजनाओं की प्रगति को लेकर समीक्षा की। मनोहर लाल ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर सिक्किम के शहरी आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ बनाने और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने गंगटोक स्थित राजभवन में राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर से शिष्टाचार भेंट भी की।