नयी दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी)
दिल्ली की अदालत ने वर्ष 2019 में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन् के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ सोमवार को राजद्रोह का अभियोग तय किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अपने आदेश में विभिन्न धाराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आरोप तय किया जाता है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए भाषणों में कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से ‘अलग करने’ की धमकी दी थी। अपने बचाव में इमाम ने अदालत में कहा था कि वह आतंकवादी नहीं है और उसका अभियोजन ‘एक राजशाही का चाबुक है, बजाय सरकार द्वारा स्थापित कानून।’ वहीं, अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि इमाम के बयान से हिंसक दंगे हुए। शरजील जनवरी 2020 से ही न्यायिक हिरासत में है।