मुंबई, 25 जून (एजेंसी) शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने 16 बागी विधायकों के आवास पर उपलब्ध कराई गई सुरक्षा वापस ले ली है। शिंदे ने कहा कि उनकी भी सुरक्षा वापस ले ली गई है और यह “राजनीतिक प्रतिशोध” की भावना से किया गया है। इस समय बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के नाम एक पत्र ट्वीट किया, जिस पर 16 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में विधायकों ने कहा है कि अगर उनके परिवार के लोगों को कुछ हुआ तो मुख्यमंत्री ठाकरे और सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी गठबंधन के नेता उसके लिये जिम्मेदार होंगे। शिंदे ने ट्वीट में कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के चलते ठाकरे और वलसे पाटिल के आदेश पर शिवसेना के 16 विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा कि इन विधायकों की सुरक्षा के लिए सरकार जिम्मेदार है। पत्र में विधायकों ने मांग की है कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।