Punjab News: पवित्र ग्रंथों की बेअदबी संबंधी बिल पर आज धार्मिक संस्थाओं से फीडबैक लेगी समिति
Punjab News: पंजाब विधानसभा द्वारा पवित्र ग्रंथों की बेअदबी रोकथाम संबंधी "पंजाब प्रिवेंशन ऑफ ऑफेन्सेस अगेंस्ट होली स्क्रिप्चर्स बिल, 2025" को चयन समिति (सेलेक्ट कमेटी) को सौंपे जाने के बाद समिति आज अपनी पहली बैठक करने जा रही है। बैठक विधानसभा सचिवालय में आयोजित होगी, जिसमें जनता, धार्मिक नेताओं व धार्मिक संस्थानों के प्रमुखों से फीडबैक लेने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इस समिति के अध्यक्ष आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और चीफ खालसा दीवान के चेयरमैन इंदरबीर सिंह निज्जर हैं। समिति में कांग्रेस से त्रिप्त राजिंदर सिंह बाजवा और बलविंदर सिंह, भाजपा से जंगी लाल महाजन, शिअद से मनप्रीत सिंह अयाली, जबकि शेष 10 सदस्य आम आदमी पार्टी से हैं — अजय गुप्ता, अमनदीप कौर, इंदरजीत कौर मान, बलजिंदर कौर, नीना मित्तल, जगदीप कम्बोज, बुध राम, ब्रह्म शंकर जिम्पा, मदन बग्गा और मोहम्मद जमील उर रहमान।
विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने समिति के नामों की घोषणा शनिवार को की थी। समिति को छह महीनों में जनता और धार्मिक संगठनों से राय लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
यह विधेयक, जिसे एंटी-सेक्रिलेज बिल के रूप में जाना जा रहा है, 15 जुलाई को पंजाब विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसमें गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, कुरान और बाइबल जैसे पवित्र ग्रंथों की बेअदबी पर न्यूनतम 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और 5 से 10 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।
यह अपराध संज्ञेय (cognizable) और गैर-समझौता योग्य (non-compoundable) होगा, जिसकी जांच डीएसपी रैंक या उससे ऊपर का अधिकारी ही करेगा और मुकदमा सेशंस कोर्ट में चलेगा।
इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति उकसावे या षड्यंत्र के तहत बेअदबी में सहयोग करता है, तो उसे 3 से 5 वर्ष की सजा और 3 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
यह अधिनियम लागू होने पर पूरे पंजाब राज्य में प्रभावी होगा और इसके प्रावधान किसी अन्य कानून के विपरीत प्रभावी रहेंगे।