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Punjab-Haryana Water Crisis : पंजाब पर दबाव बनाए बीजेपी, हुड्डा बोले - नहीं तो हरियाणा को झेलना पड़ेगा जल संकट

जल बंटवारे पर सर्वदलीय बैठक और विशेष सत्र बुलाए सरकार : हुड्डा
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चंडीगढ़, 30 अप्रैल (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Punjab-Haryana Water Crisis : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि जल बंटवारे के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को सर्वदलीय बैठक और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। हरियाणा को जल संकट से बचाने के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए। लेकिन अब तक हरियाणा के हिस्से का पानी लेने में बीजेपी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। बीजेपी सरकार के नकारापन की वजह से प्रदेश के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

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कांग्रेस द्वारा बार-बार सचेत किए जाने के बावजूद प्रदेश सरकार ने जल बंटवारे के मुद्दे पर कभी ध्यान नहीं दिया। इस नजरअंदाजी का नतीजा अब सबके सामने है। बुधवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार के पास हरियाणा के पानी को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसा करके वो संघीय ढांचे पर चोट पहुंचाना रहे हैं। हरियाणा कोई भीख नहीं मांग रहा है बल्कि यह प्रदेश के हिस्से का पानी है, जिसकी मात्रा दोनों प्रदेशों के बीच बाकायदा समझौते के तहत तय हुई थी।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश को अपने हिस्सा का पूरा पानी मिलता था। क्योंकि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में कांग्रेस हरियाणा की पूरी भागीदारी सुनिश्चित करती थी। इसमें हरियाणा से तीन-तीन सदस्य होते थे। विशेष तौर पर सिंचाई विभाग के अधिकारी को बीबीएमबी का सदस्य नियुक्त किया जाता था। कांग्रेस सरकार द्वारा बोर्ड मंश लगातार एसडीओ और जूनियर इंजीनियर्स की नियुक्तियां की जाती थीं।

बोर्ड में कायदे से चीफ इंजीनियर हरियाणा से होना चाहिए। लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान उसकी नियुक्ति ही नहीं की गई। जब हरियाणा के लोग ही बोर्ड में नहीं होंगे तो हमारे अधिकार की बात कौन करेगा। इस मुद्दे को विधानसभा में उठाए जाने के बावजूद बीजेपी सरकार ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। आज तमाम बड़े पदों पर बोर्ड में पंजाब के अधिकारी बैठे हैं और हरियाणा सरकार सोई हुई है। अगर समय रहते बीजेपी जाग जाती तो ये नौबत नहीं आती।

हुड्डा ने कहा कि पंजाब को हरियाणा के पानी में कटौती करने का कोई अधिकार नहीं है। एकदम से पंजाब में 9500 क्यूसेक पानी को घटकर 4000 क्यूसेक करने से हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, अम्बाला, कैथल, कुरूक्षेत्र, जींद, रोहतक और महेंद्रगढ़ समेत कई जिलों में पानी का संकट पैदा हो जाएगा और आने वाली फसल की सिंचाई भी मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद से ही हरियाणा के हितों की पैरवी मुखरता से नहीं की।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसवाईएल पर हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बावजूद आज तक सरकार पानी नहीं ले पाई। प्रदेश और केंद्र दोनों जगह तीसरे टर्म से बीजेपी की सरकार होते हुए भी एसवाईएल पर बीजेपी ने चुप्पी साधे रखी। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में भी हरियाणा के लोगों की नियुक्ति से लेकर हरियाणा के अधिकारों तक में कटौती कर दी गई। लेकिन प्रदेश सरकार ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। एसवाईएल से लेकर दादूपुर नलवी जैसी परियोजना को बीजेपी कार्यकाल के दौरान मिट्टी से आट दिया गया।

सिरसा में डीएसपी से माफी मंगवाए जाने के मुद्दे पर हुड्डा ने कहा कि यह पुलिस के मनोबल को गिराने वाली हरकत है। अगर किसी अधिकारी की गलती है तो उसपर पुलिस विभाग द्वारा एक्शन लिया जाना चाहिए। लेकिन इस तरह बीजेपी नेता से माफी मंगवाना जायज नहीं है। इससे महकमे का मनोबल टूटता है। इस अवसर पर हिसार सांसद जयप्रकाश 'जेपी', सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, नूंह विधायक आफताब अहमद, प्रदेश महासचिव जयदीप धनखड़ तथा वरिष्ठ कांग्रसे नेता चक्रवर्ती शर्मा भी मौजूद रहे।

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