चंडीगढ़, 11 जुलाई (ट्रिन्यू)
डाक्टरों की कमी से जूझ रहे हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में अब निजी क्षेत्र के डाक्टर भी केस के आधार पर अपनी सेवाएं दे सकेंगे। सरकार इन डाक्टरों को सूचीबद्ध करेगी। इसके बाद मरीज के आने पर फोन करके इनकी सेवाएं ली जाएंगी। शुक्रवार को पंचकूला से इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरुआत हुई। प्रदेश सरकार ने पिछले माह इसे स्वीकृति दी थी। स्वास्थ्य विभाग अब स्पेशलिस्ट डाक्टरों की स्थाई भर्ती के बजाय प्रति केस आधार पर निजी डॉक्टर हायर कर रहा है। पंचकूला के रायपुररानी सीएचसी के लिए 3 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नौकरी के आवेदन मांगे गए हैं, जिनका एनएचएम के जरिए कांट्रेक्ट होगा।
पंचकूला की रायपुर रानी सीएचसी में स्टाफ की कमी को कांट्रेक्ट के जरिए भरा जाएगा। अब तक हरियाणा में कांट्रेक्ट के जरिए डॉक्टरों की नियुक्ति तो होती थी, लेकिन प्रति केस के हिसाब से डॉक्टरों को कभी नहीं रखा गया। इन डॉक्टर की सेवाएं ऑनकॉल रहेंगी। जब इनकी जरूरत होगी तो इन्हें बुला लिया जाएगा और प्रति केस इनके बिल का भुगतान होगा।
गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थीसिया और पेडियाट्रिक्स के एक-एक डॉक्टर की पंचकूला में जरूरत है। गायनोलॉजिस्ट और एनेस्थीसिया डॉक्टर को प्रति केस 3-3 हजार और पीडियाट्रिक्स यानी बच्चों के डॉक्टर को प्रति केस 2500 रुपये दिए जाएंगें। गायनोलॉजिस्ट के लिए एमडी, एमएस या डीएनबी कोर्स, एनेस्थीसिया के लिए एनेस्थीसिया में पीजी डिग्री और पीड्रियाट्रिक्स के लिए पीजी डिग्री या डिप्लोमा जरूरी है। प्रति कॉल बेस जॉब के लिए इच्छुक डॉक्टर 18 जुलाई तक पंचकूला सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कॉल बेस पर डॉक्टर हायर करने का कांट्रेक्टर 31 मार्च 2026 तक रहेगा। अगर उससे पहले कोई स्थाई डॉक्टर यहां पर ज्वाइन कर लेता तो यह पहले भी खत्म हो सकता है। अगर परिस्थिति ऐसी नहीं बनती है तो इसे मार्च 2026 के बाद आगे भी बढ़ाया जा सकता है।