नयी दिल्ली, 28 जून (एजेंसी)
केंद्र ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने के मकसद से राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को ‘पीएम-प्रणाम’ योजना को मंजूरी दी। इसके साथ ही 3.68 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ मौजूदा यूरिया सब्सिडी योजना को मार्च 2025 तक जारी रखने का भी फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए 1,451 करोड़ रुपये की सब्सिडी के परिव्यय को मंजूरी भी दी। इससे कुल पैकेज 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘सीसीईए ने 3,70,128.7 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ किसानों के लिए नवीन योजनाओं के एक अनूठे पैकेज को मंजूरी दी।’ मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘पीएम-प्रणाम (धरती की पुनर्स्थापना, जागरूकता, सृजन, पोषण और सुधार के लिए पीएम कार्यक्रम) का उद्देश्य मिट्टी को बचाना और उर्वरकों के निरंतर संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना है।’ योजना के तहत, जो राज्य वैकल्पिक उर्वरक अपनाएंगे, उन्हें रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके बचाई जाने वाली सब्सिडी से प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर 10 लाख टन परंपरागत उर्वरक का उपयोग करने वाला राज्य इसकी खपत में तीन लाख टन की कमी लाता है, तब 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी की बचत होगी। इस बची हुई सब्सिडी में से 50 प्रतिशत यानी 1,500 करोड़ रुपये उस राज्य को वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और अन्य विकास कार्यों के लिये दिये जाएंगे। इस योजना की घोषणा बजट में की गयी थी।
पहली बार सल्फर-लेपित यूरिया : मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करने के लिए पहली बार देश में सल्फर-लेपित यूरिया (यूरिया गोल्ड) पेश करने का भी निर्णय लिया गया है। मांडविया ने कहा कि यह अन्य प्रकार के यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है।
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए आएगा विधेयक
नयी दिल्ली (एजेंसी) : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक 2023 को संसद में पेश करने को मंजूरी दे दी है। इससे एनआरएफ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस विधेयक के पारित होने पर अस्तित्व में आने वाला कानून वर्ष 2008 के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड अधिनियम का स्थान लेगा।
गन्ने के न्यूनतम मूल्य में 10 रुपये वृद्धि
सरकार ने 2023-24 सत्र के लिये गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर चीनी मिलें किसानों से गन्ना खरीदती हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था। अब 2023-24 में बढ़ कर 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। चालू विपणन सत्र 2022-23 में 1,11,366 करोड़ रुपये मूल्य के 3,353 लाख टन गन्ने की खरीद चीनी मिलों ने की है। वहीं 2013-14 सत्र के दौरान मिलों ने 57,104 करोड़ रुपये मूल्य के गन्ने की खरीद की थी।