सेवा करते रहने को प्रेरित करता है लोगों का प्रेम : दलाई लामा
रविन्द्र वासन/ निस
धर्मशाला, 6 जुलाई
भारी बारिश के बावजूद रविवार सुबह हजारों तिब्बती श्रद्धालु और अंतर्राष्ट्रीय मेहमान मैक्लोडगंज स्थित मुख्य बौद्ध मंदिर त्सुगलागखांग के प्रांगण में एकत्र हुए, जहां 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो का 90वां जन्मदिन हर्षोल्लास एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया।
दलाई लामा ने विशाल केक के समक्ष उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह जनसमूह किसी दायित्व का परिणाम नहीं, बल्कि श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने कहा, 'यह लोगों का प्रेम है जो मुझे सभी संवेदनशील प्राणियों की सेवा करते रहने के लिए प्रेरित करता है। मैं बोधिचित्त का अभ्यास करता हूं- दूसरों को स्वयं से अधिक महत्व देना ही मुझे सच्ची खुशी देता है। मैं स्वयं को एक विनम्र भिक्षु और बुद्ध का अनुयायी मानता हूं, जो समाज और शिक्षाओं की सेवा में समर्पित है।'
इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया के कई शीर्ष नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं भेजीं। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा ने वीडियो संदेशों के माध्यम से उन्हें शुभकामनाएं दीं। समारोह के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का एक विशेष संदेश पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने दलाई लामा को एकता, शांति और करुणा का प्रतीक बताते हुए कहा कि अमेरिका तिब्बतियों की धार्मिक स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर अपने संदेश में लिखा कि वे दलाई लामा को प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का स्थायी प्रतीक मानते हैं।
कार्यक्रम में तिब्बत समर्थक हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, सांसद राजीव रंजन सिंह और अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी भाग लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत स्विट्जरलैंड के गायक जामयांग चोएडेन द्वारा प्रस्तुत एक भावपूर्ण गीत से हुई। उनके बाद मंगोलिया और अल्बानिया के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियां दीं। अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों, तिब्बती बौद्ध संप्रदायों, स्थानीय स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियों ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
तिब्बती प्रशासन ने 2025 को घोषित किया 'करुणा का वर्ष'
इस अवसर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग (अध्यक्ष) पेनपा त्सेरिंग ने कशाग (कैबिनेट) की ओर से एक विशेष बयान जारी करते हुए घोषणा की कि 2025 को ‘करुणा का वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने दलाई लामा की चार प्रमुख प्रतिबद्धताओं— सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना, धार्मिक सद्भाव, तिब्बती संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण तथा प्राचीन भारतीय ज्ञान का पुनरुद्धार, को आज के वैश्विक संकटों के समाधान के रूप में रेखांकित किया। बयान में कहा गया कि हिंसक संघर्षों, सामाजिक विखंडन, नैतिक पतन और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से जूझ रही दुनिया में दलाई लामा की शिक्षाएं अद्वितीय एवं प्रासंगिक समाधान प्रदान करती हैं। यह समारोह न केवल एक जन्मदिन उत्सव था, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति, करुणा और मानवीय मूल्यों का एक प्रेरणादायक संदेश भी बन गया।