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अभिभावक कहीं से भी खरीद सकेंगे पुस्तकें, वर्दियां

हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश, सख्त हुई सरकार
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n स्कूल संचालक नहीं कर सकेंगे रोक-टोक, बार-बार नहीं बदली जाएगी ड्रेस

n नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर होगी सख्त कार्रवाई

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दिनेश भारद्वाज/टि्रन्यू

चंडीगढ़, 7 अप्रैल

हरियाणा के प्राइवेट स्कूल अब मनमानी नहीं कर सकेंगे। स्कूल संचालक न तो बार-बार वर्दी (ड्रेस) को बदल सकेंगे और न ही अभिभावकों पर दुकान विशेष से किताबें, कॉपियां व वर्दी खरीदने का दबाव बना सकेंगे। प्रदेशभर से आ रही शिकायतों पर कड़ा नोटिस लेते हुए शिक्षा मंत्री महिपाल सिंह ढांडा के आदेशों पर शिक्षा निदेशालय से सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को सख्त हिदायतें जारी की गयी हैं। शिक्षा मंत्री ने विभाग को सख्त हिदायत दी है कि नियमों के विरुद्ध काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। प्राइवेट स्कूलों में महंगी किताबों व वर्दी को लेकर अभिभावक परेशान हैं। प्राइवेट स्कूल संचालक किताबें और वर्दी के नाम पर मनमाने दाम थोप रहे हैं। स्कूल संचालक अभिभावकों को उनके द्वारा तय किए बुक-सेलर और वर्दी की दुकानों पर भेज रहे हैं, जहां पर उनका कमीशन तय होता है।

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का कहना है कि उनके पास ऐसी शिकायतें आई हैं कि स्कूल संचालक अभिभावकों को महंगी किताबें और महंगी वर्दियां खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। अभिभावकों से आह्वान किया गया है कि सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही खरीदें। किसी प्राइवेट पब्लिशर की किताबें न खरीदें।

अभिभावक कहीं से भी किताबें व वर्दियां खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं। वह स्कूल संचालकों द्वारा तय की गयी दुकानों पर जाने को बाध्य नहीं हैं। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का कहना है कि शिक्षा सेवा का काम है, यह कोई लाभ कमाने का व्यवसाय नहीं है। साथ ही, माता-पिता को भी यह बात समझनी चाहिए कि अच्छी शिक्षा सिर्फ महंगे स्कूलों में नहीं मिलती, बल्कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भी अच्छी शिक्षा दी जा रही है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को सारी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों से कम नहीं हैं।

सरकारी स्कूल निकले प्राइवेट से आगे

शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि जो अभिभावक महंगे प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ा सकते, उन्हें अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का रिजल्ट आज कई बड़े प्राइवेट स्कूलों से भी आगे निकल गया है। सरकारी स्कूलों में सुरक्षा की गारंटी से लेकर अच्छी पढ़ाई है और वजीफा, मुफत वर्दी व किताबें भी दी जा रही हैं।

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