Pahalgam Attack : हिंदू नरसंहार के बाद पाकिस्तान हाई कमिशन में मनाया जा रहा किस चीज का जश्न? केक ले जाते शख्स को देख लोगों ने पूछे कई सवाल
चंडीगढ़, 24 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Pahalgam Attack : पहलगाम में हुए हिंदू नरसंहार के बाद जहां पूरा देश दुख, रोष और गुस्से में है वहीं पाकिस्तान हाई कमिशन में खुशियां मनाई जा रही हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शक्स को गुरुवार को दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में कथित तौर पर केक ले जाते हुए देखा जा सकता है।
यह घटना पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को अवांछित व्यक्ति का नोटिस जारी किए जाने के कुछ समय बाद हुई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जब रिपोर्ट्स उनसे पूछते हैं कि केक क्यों ले जाया जा रहा है? आखिर क्यों जश्न मनाया जा रहा है तो वह व्यक्ति कुछ नहीं कहता और रिपोर्ट्स से बचते हुए निकल जाता है।
पकिस्तान हाई कमीशन में केक जा रहा पहलगाम सेलिब्रेट करने को और पकड़े जाने पर ये बता भी नहीं पा रहा कि क्यों ये केक जा रहा और अभी इन्हे भाईचारा निभाना है...pic.twitter.com/e4Fxga5JzQ
— 𝐏𝐢𝐲𝐮𝐬𝐡 Singh (@iPiyushSingh) April 24, 2025
वीडियो के वायरल होने के बाद अब लोग भी इसे पहलगाम अटैक से संबंधित मान रहे हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ये केक किसने और किसलिए ऑर्डर किया है? लोगों सवाल कर रहे हैं कि देश में इतनी दर्दनाक घटना के बाद पाकिस्तान हाई कमिशन में किस चीज का जश्न मनाया जा रहा है? इससे पाकिस्तान की साजिश बेनकाब हो रही है।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान उच्चायोग के पास लगाए गए बैरिकेड हटा दिए। यह तब हुआ जब भारत ने हमले में सीमा पार संबंधों के सबूत देखे और कहा कि यह हमला "केंद्र शासित प्रदेश में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ।"
बता दें कि पहलाम अटैक पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया, अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया और सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत यात्रा करने के लिए पाकिस्तानियों की पहुंच को रोक दिया।
पहले जारी किए गए ऐसे सभी वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं और एसवीईएस के तहत पाकिस्तानी नागरिकों के पास जाने के लिए 48 घंटे हैं। इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के राजनयिक मिशनों की कुल संख्या 1 मई तक 55 से कम होकर 30 कर्मियों तक सीमित हो जाएगी। प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें अधिकांश पीड़ित नागरिक थे।