दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 मई
कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले ‘अनाथ’ बच्चों की देखरेख अब सरकार करेगी। गत दिवस पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसे बच्चों के लिए पीएम केयर्स फंड से नयी योजना का ऐलान किया है। हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने भी ऐसे बच्चों के लिए योजना बनाई है। अब राज्य में ऐसे बच्चों के लिए दोनों यानी केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं लागू होंगी।
यह स्कीम उन बच्चों पर भी लागू होगी, जिनके घर में माता या पिता में से किसी एक की मौत हो गई और घर में कमाने वाला वही अकेला था। माता-पिता को खोने वाले ऐसे बच्चों को सरकार 2500 रुपये मासिक देगी। यह मदद 18 वर्ष की उम्र तक जारी रहेगी। इसके अलावा विद्यार्थी काल में 12 हजार रुपये सालाना की मदद सरकार अन्य खर्चों के लिए देगी। ऐसे सभी बच्चों का 18 वर्ष की उम्र तक ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत हेल्थ इंश्योरेंस करवाया जाएगा। इसमें 5 लाख रुपये तक सालाना मुफ्त उपचार की सुविधा मिलेगी। इसका प्रीमियम पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
ऐसे बच्चे, जो छोटे हैं और परिवार में देखभाल करने वाला कोई नहीं है, उन सभी की देखरेख का जिम्मा ‘चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट्स’ का होगा। राज्य में ऐसे 69 संस्थान हैं। 18 वर्ष की उम्र तक ऐसे बच्चों की पढ़ाई, कपड़े सहित तमाम तरह का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इतना ही नहीं, ऐसे बच्चों का आवर्ती जमा खाता खुलवाया जाएगा। इसमें 1500 रुपये मासिक सरकार जमा करवाएगी। 18 वर्ष की उम्र तक यह पैसा जमा होगा। बच्चे के 21 वर्ष का होने पर उसे पूरा पैसा एक साथ मिलेगा। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का केंद्रीय विद्यालय या प्राइवेट स्कूल में दाखिला हो सकेगा। फीस व अन्य खर्च सरकार उठाएगी। 11 से 18 वर्ष तक के बच्चों को सैनिक स्कूल व नवोदय विद्यालय में एडमिशन में छूट मिलेगी। इन बच्चों को भी राइट-टु-एजुकेशन एक्ट के तहत मुफ्त शिक्षा मिलेगी। बेटियों के दाखिले सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कराएगी। राज्य में ऐसे 36 स्कूल हैं। सभी में छात्रावास की सुविधा है। इन बच्चियों को सालाना 12 हजार रुपये की मदद अन्य खर्चों के लिए भी सरकार देगी।
अनाथ बच्चियों के लिए सरकार 51 हजार रुपये की एफडी कराएगी। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत यह राशि सरकार देती है, लेकिन ऐसे मामलों में यह पैसा अभी जमा करवाया जाएगा, ताकि विवाह के समय ब्याज के साथ राशि बढ़कर मिल सके। राज्य सरकार ने आठवीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा योजना लागू की है। यह योजना इन अनाथ बच्चों पर भी लागू होगी। आठवीं से 12वीं तक के ऐसे सभी बच्चों को मुफ्त टैबलेट मुहैया करवाए जाएंगे, ताकि ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कत न आए। यह निर्णय वोकेशनल कोर्स करने वाले बच्चों पर भी लागू होगा। पीएम केयर्स फंड की ओर से 18 वर्ष की उम्र होने पर 10 लाख रुपये का फंड जमा होगा। 23 वर्ष तक उसका ब्याज हर महीने बच्चे को मिल सकेगा और 23 का होने पर वह पूरे 10 लाख रुपये निकाल सकेगा।
हायर एजुकेशन को मिलेगा लोन : ऐसे अनाथ बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन मुहैया करवाया जाएगा। लोन का पूरा ब्याज पीएम केयर्स फंड द्वारा दिया जाएगा। वर्तमान में भी बीपीएल व गरीब परिवारों के बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन दिया जाता है, लेकिन इसका ब्याज खुद देना होता है। ब्याज की दर काफी कम रहती है।
केंद्र व राज्य की सरकार काफी संवेदनशील है। कोरोना से अपनों को खोने वालों के लिए केंद्र की ओर से भी योजना बनाई गयी है, हरियाणा भी हरसंभव मदद कर रहा है। अनाथ बच्चों की देखरेख का पूरा जिम्मा सरकार संभालेगी। जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, उन्हें ही नहीं बल्कि माता-पिता में से परिवार में कमाने वाला एक भी अगर नहीं रहा, तो उन बच्चों की पढ़ाई सहित दूसरी जरूरतों को सरकार पूरा करेगी।
-मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री