नयी दिल्ली, 14 नवंबर (एजेंसी)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा 2 वर्ष के बजाय अब अधिकतम 5 साल तक हो सकता है। सरकार ने रविवार को इस संबंध में 2 अध्यादेश जारी किये। अध्यादेशों के मुताबिक दोनों ही मामलों में, निदेशकों को उनकी नियुक्तियों के लिए गठित समितियों द्वारा मंजूरी के बाद 3 साल के लिए एक-एक साल का विस्तार दिया जा सकता है। इससे पूर्व, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने वाले अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तार केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में और छोटी अवधि के लिए किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह बात प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख एसके मिश्रा को 2020 में दिए गए विस्तार से संबंधित मामले में कही थी। मिश्रा 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। हालांकि, अध्यादेश की घोषणा के साथ यह देखा जाना बाकी है कि मिश्रा ईडी प्रमुख के रूप में बने रहेंगे या नहीं।
विनीत नारायण के प्रसिद्ध मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर सीबीआई और ईडी के निदेशकों का 2 साल का निश्चित कार्यकाल होता है।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों ने सरकार पर संसद का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया और पूछा कि उसने आगामी शीतकालीन सत्र का इंतजार क्यों नहीं किया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘अधिकारों को हड़पने तथा चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के लिए हेंचमेन की तरह ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल करती है।’