सुरेंद्र मेहता /हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर, 19 नवंबर
आज कार्तिक पूर्णिमा व गुरु नानक जयंती पर देश के विभिन्न राज्यों से आए 5लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यमुनानगर के बिलासपुर के कपाल मोचन में तीनों सरोवर में स्नान करके आस्था की डुबकी लगाई। पिछले 5 दिनों से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों से श्रद्धालु कपाल मोचन मेले में पहुंच रहे थे। आज मुख्य स्नान के समय सबसे पहले नागा साधुओं ने स्नान किया। उसके बाद बाकी श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू किया। देखते ही देखते कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरजकुंड सरोवर में भारी संख्या में श्रद्धालु सरोवर में स्नान करने लगे। उसके बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों और गुरुद्वारों में जाकर माथा टेक कर परिवार, समाज व देश की सुख शांति की कामना की।
श्रद्धालुओं का मानना है कि कपाल मोचन तीर्थ स्थल में आकर 5 दिन तक रह कर लगातार स्नान व पूजा अर्चना करने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। इसी को लेकर लोग वर्षों से लगातार इस कपाल मोचन मेले में आ रहे हैं। इसी कपाल मोचन में जहां भगवान शिव, भगवान राम के आने का पुराणों में वर्णन है। बताया जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम जी ने रावण को मारने के बाद ब्रह्महत्या दूर करने के लिए परिवार के साथ यहां पर आए । वही द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण और पांडव यहां आए और उन्होंने ब्रह्महत्या दोष से मुक्ति पाई जिसकी वजह से यह सरोवर प्रसिद्ध माना गया ।
वहीं पर अगर ऋण मोचन सरोवर की बात करें तो ऋण मोचन को लेकर शास्त्रों में लिखा गया है कि यहां पर स्नान करने से मनुष्य सभी प्रकार के ऋणों से मुक्त हो जाता है। यहां भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों के परिवार को साथ लेकर आए और पांडवों के पूर्वजों का पिंडदान किया, जिससे पितृ ऋण से मुक्त हुए। तभी से इस सरोवर का नाम ऋण मोचन यानी पित्र ऋण से मुक्त होना बताया गया है। वहीं गुरु नानक देव व गुरु गोविंद सिंह भी इस पवित्र स्थल पर आए थे। श्रद्धालुओं में इस तीर्थ स्थल को लेकर गहरी आस्था है। पुलिस प्रशासन ने किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए हर तरह से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए थे। 2500 पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, सीसीटीवी कैमरा से हर आने जाने वाले पर नजर रखी जा रही थी।